धांधली: दो माह के बाद छः माह का लंगर के दान का ईमानदार बनी प्रबंधक ने क्यों सार्वजनिक नहीं किया रिपोर्ट कार्ड,,,

धांधली: दो माह के बाद छः माह का लंगर के दान का ईमानदार बनी प्रबंधक ने क्यों सार्वजनिक नहीं किया रिपोर्ट कार्ड,,,

 

प्रबंधक रजिया द्वारा लंगर की दान खाद्यय सामग्री के सार्वजनिक करने पर लंगर के दान में हुई पिछले पांच वर्ष में धांधली की खुली थी पोल,क्यों सम्बन्धित के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्यवाही,,,?

धांधली: दो माह के बाद छः माह का लंगर के दान का ईमानदार बनी प्रबंधक ने क्यों सार्वजनिक नहीं किया रिपोर्ट कार्ड,,,

पिछले पांच छह वर्षों की लंगर दान के नाम पर आई खाद्यय सामग्री को खा गया दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहमद,

रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
आस्था के केंद्र उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अधीन दरगाह वक्फ कार्यालय कलियर में साबीर साहब द्वारा जारी की गयी मुख्य परम्परा यतीम मिस्कीन व जायरीनों के लिये लंगर खाने में भी बड़ी ही चतुराई से वित्तीय अनियमितता कर दान में आयी खाद्यय सामग्री को भी ठेकेदारों के द्वारा दी जाने वाली लंगर सप्लाई में शामिल कर फर्जी बिल बोचर बनाकर आय को भारी नुकसान पहुंचाया जाने की जानकारी मिल रही है।पिछले पांच छह वर्षो से कार्यालय में डटे अकाउंटेंट पद पर कार्यरत सफीक अहमद को जब जब प्रबंधक का एक्स्ट्रा चार्ज मिला पिछले पांच साल में उसने भारी वित्तीय अनियमितता की है। इस के शुरू में प्रबंधक पद पर तैनाती लेने वाली प्रथम महिला प्रबंधक ने आने के दो माह तक का दान में आई खाद्यय सामग्री का रिपोर्ट कार्ड जारी कर मीडिया को बयान दिया था कि हमारे पास लंगर में इतनी दान की खाद्यय सामग्री आ रही है कि हमें ठेकेदार से लेने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी है।ओर ऐसा तब हुआ जब यहां पर जायरीनों की आमद में भी गिरावट थी।लेकिन उसके बाद कार्यालय स्टाफ के भृष्टाचारियो के मकड़जाल में फंसकर वर्तमान प्रधक रजिया खान ने नहीं तो कोई रिपोर्ट कार्ड जारी किया बल्कि दान की सामग्री व अन्य कार्यो में भ्र्ष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गये है।क्योंकि अगर प्रबंधक ईमानदारी से कार्य करती तो उर्स के ठेके में भारी अनियमितता नहीं करती ओर जो ठेकों की ठेकेदारों ने ऑनलाइन टेंडर डाले हुवे है उनकी खुलने की तिथि भी एक हफ़्तह पूर्व समाप्त हो चुकी है,लेकिन प्रबंधक की दाल ठेकेदारों से न गलने की वजह इस मे भी बताई जा रही हैं।अब कहा जा रहा है कि कार्यालय स्टाफ ने ही प्रबंधक रजिया को भ्र्ष्टाचार के रास्ते पर चलाकर उन सब कार्यो में भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता करानी शुरू कर दी है जो यहां पर पिछले पांच छह सालों से होता आ रहा है।अब देखना यह होगा कि उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों में से तो किसी का प्रबंधक को संरक्षण प्राप्त नहीं है या उच्च अधिकारियों व बोर्ड के पदाधिकारियों को गुमराह कर यह सब खेल हो रहा है।आस्था रखने वाले लोगों का मानना था कि अब नवनियुक्त सीईओ वक्फ बोर्ड इन भृष्टाचारियो पर नकेल लगायेंगे लेकिन उन्हें भी चार्ज लिए महीनों बीत जाने के बावजूद कलियर वक्फ कार्यालय के भ्र्ष्टाचार को कम या खत्म करने की अभी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लायी जा रही है।हालांकि इस कार्यालय से ठेकेदारों द्वारा ठेकों में दी जाने वाली एफडीआर वगेरा की फाइल भी कम हो जाने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने भी फटकार लगाई थी,ओर सिर्फ एक फ़ाइल गुम का मामला नहीं पता नहीं इन बेलगाम भृष्टाचारियो ने कार्यालय की कितनी फाइलों में हेराफेरी की ओर कितनी फ़ाइल यहां से गुम कर दी है यह तो जांच होने पर पता चल पायेगा।अब देखना यह है कि दरगाह प्रशासक जिला अधिकारी हरिद्वार इन भृष्टाचारियो पर नकेल कब तक लगा पायेंगे,क्योंकि इनकी लगातार शिकायते जिला अधिकारी महोदय की सेवा में की जा रही है।

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