देश की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले हरिद्वार सीट से इस बार संत को प्रत्याशी बनाने की मांग संतों के बीच से ही लगातार उठ रही,,,

देश की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले हरिद्वार सीट से इस बार संत को प्रत्याशी बनाने की मांग संतों के बीच से ही लगातार उठ रही,,,

देश की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले हरिद्वार सीट से इस बार संत को प्रत्याशी बनाने की मांग संतों के बीच से ही लगातार उठ रही,,,

हरिद्वार:

अनवर राणा।

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पूरे देश में ही प्रत्याशियों के चयन की कवायद तेज कर दी है। उत्तराखंड की सबसे हॉट सीट हरिद्वार लोकसभा को लेकर इस बार नए चेहरे पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, दावेदारों में हरिद्वार से दो बार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक और पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद का नाम प्रमुख रूप से शामिल है। लेकिन देश की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले हरिद्वार सीट से इस बार संत को प्रत्याशी बनाने की मांग संतों के बीच से ही लगातार उठ रही है। पार्टी के विश्वास सूत्र बताते हैं कि इस मांग पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। हाई कमान के निर्देश पर कई वरिष्ठ नेताओं ने हरिद्वार के ऐसे संतों की एक सूची बनाई है, जिन पर पार्टी दांव लगा सकती है। सूत्र बताते हैं कि इनमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, सूत्र तो यहां तक भी बताते हैं कि कई नेताओं ने श्रीमहंत से संपर्क साधा है और कई दौर की गुप्त बैठकें भी हो चुकी हैं। इससे साफ है कि हाईकमान लोकसभा प्रत्याशी को लेकर हर पहलू पर विचार कर रहा है। दरअसल, कोरोना काल की मुश्किल घड़ी में जब लोग मदद के लिए इधर से उधर भटक रहे थे और उन्हें अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सख्त जरूरत थी, तब सांसद से लेकर तमाम बड़े नेता ढूंढे से भी नजर नहीं आए। जबकि श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने जरूरतमंदों को अन्न से लेकर जरूरत का सामान तक उपलब्ध कराते हुए दिल खोलकर मदद की। आमजन के अलावा श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कोरोना से निपटने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। इसलिए भी उनके नाम पर प्रबलता से विचार चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि आने वाले चंद दिनों में हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। लेकिन इतना जरूर है कि संत और समाजसेवी के रूप में श्रीमहंत रविंद्र पुरी की दावेदारी ने फिलहाल बाकी दावेदारों की धड़कनें तेज कर दी है।

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