जिस व्यवस्था की जिमेदारी पहली महिला प्रबंधक को सौंपी गई थी वहां पर अव्यवस्थाओं का हो रहा बोलबाला,,,
लगातार उठ रहे सवाल, अधिकारी खामोश….
कलियर:
अनवर राणा
दरगाह की व्यवस्थाओं में बेहतर सुधार के लिए पहली बार किसी महिला को प्रबंधक पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन व्यवस्था सुधरने की बजाय और बिगड़ती दिखाई पड़ रही है। इसकी एक वजह ये भी है कि प्रबंधक महोदया का रिमोट कंट्रोल दरअसल किसी और के हाथ में है, और ये बात किसी से छिपी नही है। दफ्तर की जिम्मेदारियों से लेकर ठेकेदारों तक के मसले प्रबंधक महोदया नही बल्कि उनके हम साया हल करते है। दरअसल प्रबंधक महोदया पेशे से अध्यापिका है जो सरकारी स्कूल में कार्यरत है, मैड़म के पति भाजपा नेता है जिनकी ऊंची पहुँच के कारण ही वह प्रबंधक पद की कुर्सी पर विराजमान हुई। चार्ज लेने के बाद से ही प्रबंधक के पति भाजपा नेता दफ्तर के इर्दगिर्द ही रहते है, बल्कि अगर ये कहे कि जब भी उन्हें मौका मिलता है तो वह प्रबंधक के ऑफिस में उन्ही के साथ बैठकर दफ्तर के कामो में भी दखल करने से गुरेज नही करते। इस कारगुजारी से दफ्तर के तमाम कर्मचारी और पिरान कलियर के जिम्मेदार बख़ूबी वाकिफ है, अगर ये कहा जाए कि महिला प्रबंधक मात्र एक मोहरा है असलम में काम तो उनके पति अंजाम देते है तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। सूत्र बताते है कि सरकार में रसूखदार नेताओ से ताल्लुक के जरिये प्रबंधक पति बेखौफ होकर अपने इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे है। यदि अधिकारी सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग चैक करले तो दूध का दूध और पानी का पानी होने में देर नही लगेगी।
————————————-
लगातार उठ रहे सवाल, अधिकारी खामोश….
सुबह दफ्तर आने के लिए प्रबंधक और उसके पति (भाजपा नेता) एक साथ पिरान कलियर पहुँचते है। इसके बाद प्रबंधक अपने ऑफिस में पहुँच जाती है और उनके पति शाम होने तक दफ्तर के इर्दगिर्द अन्य कमरों या वीआईपी रूम में रहते है। दफ्तर से जुड़े तमाम कर्मचारियों और ठेकेदारों को ये मालूम है कि पहली हाजिरी किसके पास लगानी है, जाहिर है जब प्रबंधक के पति दफ्तर में मौजूद है तो भला उनकी बात कौन टाल सकता है।
————————————–
कई कारनामें हो चुके है उजागर……
हाल ही में चर्चित प्रबंधक का एक कारनामा उस समय उजागर हो गया था जब रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट का एक आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। आदेश में प्रबन्धक महोदया को दो दिन का समय देते हुए लिखा गया था कि दफ्तर से वार्षिक ठेकों की कुछ पत्रावली गायब है जिसमे ठेकेदारों की एफडीआर भी मौजूद थी, ठेकेदारों की एफडीआर क्यों वापिस नही की गई, इन तमाम मामलों को लेकर दो दिन का समय दिया गया था।
————————————-
दरगाह दफ्तर बन गया राजनीतिक अड्डा…..
सूत्र बताते है कि प्रबंधक पति (भाजपा नेता) तो दरगाह के कामो में हस्तक्षेप रखते ही है उनके अलावा कुछ उनके गुर्गे भी खूब रौब ग़ालिब करते दिखाई पड़ते है। लंगर से लेकर दरगाह के अंदर तक खूब दखलंदाजी की जा रही है, जो क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बनी हुई है।