विरोध के स्वर दबाने के लिये मास्टरनी साहिबा ने बिना अनुमति व टेंडर नवसृजित ठेके का दिया तोफा,,,
साहिबा तो सिर्फ बदनाम हो रही है काम तमाम तो सत्ता की शह पर साहब ही करने में लगे हैं ,,,
कलियर।
अनवर राणा।
पिरान कलियर में दरगाह साबीर पाक का 755 वा उर्स शुरू हो चुका ओर देश विदेश से उर्स में भाग लेने वाले जायरीन भी भारी तादाद में पहुंचने शुरू हो चुके है। ऐसे में जायरीनों की सुविधा के इंतजाम के लिये वक्फ बोर्ड का दरगाह कार्यालय ओर सीईओ वक्फ बोर्ड की संस्तुति पर प्रबंधक के पद पर जिला अधिकारी की अनुमति से बनी मास्टरनी साहिब के द्वारा नित नये दरगाह आय को नुकसान पहुंचाने के कारनामे उजागर होते जा रहे है।वैसे जो लोग कल तक दरगाह कार्यालय में मास्टरनी साहिबा के द्वारा भृष्टाचारी कार्यो की सूचना मांगते मानते सूचना आयोग तक पहुंचे ओर सूचना आयोग के आदेश पर वक्फ बोर्ड सीईओ के द्वारा दरगाह कार्यालय में सहायक सूचना अधिकारी पुनः नियुक्त करना पड़ा ओर सम्बन्धित फाइलों का निरक्षण कर सूचना देने में कई दिनों तक परेशानी उठानी पड़ी अब मास्टरनी साहिबा को कहे तो नाइंसाफी होगी बल्कि उच्च भाजपा नेताओं की शह पर साहब ही सारे काम को तमाम कर दरगाह को नुकसान पहुंचाने में ज्यादा रुचि लेते दिखाई दे रहे है,इसी कड़ी में साहब की सिफारिश ओर विरोध दबाने के बोझ से बचने के लिये साहिबा को एक नया ठेका भी सृजित करना पड़ा ओर गन्दे पानी में नाव(किश्ती) चलवाकर चारों तरफ मार्किट ब्लेक करने का तोफा सौंप दिया गया।ऐसे उर्स में अनेक कार्यो को साहिबा को करने पर मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि साहब भी खुश रखना है ओर ईमानदारी का मखोटा भी लगाकर उच्च अधिकारियों व पदाधिकारियों को खुश करना है।ऐसे में साहब ही उर्स के काम को तमाम कर दरगाह आय की बन्दरबांट में लगे हुवे है।हालांकि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ भी बराबर केम्प कर आंखों के सामने सब लुटता हुआ देख रहें हैं पता नहीं कोई मजबूरी भी हो सकती है,ये तो उर्स सम्पन्न होने के बाद ही उजागर होगा अभी तो वक्फ बोर्ड अध्यक्ष भी अपनी जिद पर कायम होकर नई नई परम्पराओ को जन्म देते ही दिखाई दे रहे है।