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हत्या का मुकदमा दर्ज करने के 41 दिन बाद भी हत्यारों को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी अभी तक नहीं कर पाई  मंगलौर पुलिस,,,

हत्या का मुकदमा दर्ज करने के 41 दिन बाद भी हत्यारों को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी अभी तक नहीं कर पाई मंगलौर पुलिस,,,

 

हत्या का मुकदमा दर्ज करने के 41 दिन बाद भी हत्यारों को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी अभी तक नहीं कर पाई  मंगलौर पुलिस,,,

रुड़की।

अनवर राणा।

अपने परिवार की जान माल की सुरक्षा के दर्जनों से ज्यादा पुलिस के आलाधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी युवक की संदिग्ध हत्या हो गई। कमाल तो यह है कि मंगलौर पुलिस द्वारा इस मामले में दो नामजद सहित दो अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के 41 दिन बाद भी हत्यारों को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी अभी तक मंगलौर पुलिस नहीं कर पाई है जिसके चलते परिजनों में पुलिस विभाग के प्रति गहरा आक्रोश उत्पन्न हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित राजपाल धीमान पुत्र स्वर्गीय प्रकाश चंद निवासी ग्राम थीथकी क्वादपुर हाल निवासी झबरेड़ा रोड निकट बिजली घर कुरड़ी कोतवाली मंगलौर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 23.7.2020 को उसके पुत्र विशु के साथ मंगलौर स्थित नहर पुल के पास मारपीट हुई थी जिसमें मंगलौर कोतवाली पुलिस द्वारा विशु और मारपीट के गवाह के खिलाफ षड्यंत्र के तहत लूट का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। जबकि पीड़ित पुत्र के पिता ने मारपीट में घायल हुए अपने पुत्र का मेडिकल भी कराया था। पीड़ित राजपाल मामले को लेकर एसएसपी हरिद्वार कार्यालय पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी एसएसपी को देते हुए मारपीट में घायल पुत्र का मेडिकल एसएसपी को दिखाया इसके बाद एसएसपी ने मंगलौर कोतवाल को मारपीट के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए। एसएसपी के आदेश के बाद कोतवाल ने मारपीट के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन मामले दबाव बनाने के लिए आरोपियों में से एक के पिता की तहरीर पर लड़की के साथ छेड़खानी का मुकदमा भी पीड़ित के पुत्र विशु व नाबालिग छोटे पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़ित के बड़े और छोटे नाबालिक पुत्र के खिलाफ षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद पीड़ित पुलिस के आला अधिकारियों के यहां न्याय पाने को दर बदर भटकता रहा लेकिन इसके बावजूद भी उसे कोई न्याय नहीं मिला। पीड़ित ने मामले में एसएसपी हरिद्वार, डीआईजी और डीजीपी तक को परिवार की जानमाल की सुरक्षा गुहार के 14 प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी पीड़ित के पुत्र विशु को देर शाम 28.7.2023 को 4 युवक घर से बुलाकर ले गये और हत्या कर दी गई। पीड़ित के पुत्र विशु का शव 1 अगस्त 2023 को निरगांजनी पावर हाउस उत्तर प्रदेश से बरामद हुआ जिसका पोस्टमार्टम 2 अगस्त 2023 को मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में हुआ। पीड़ित तभी से मंगलौर कोतवाली पुलिस के लगातार न्याय पाने को चक्कर काट रहा है। इतना ही नहीं पीड़ित द्वारा हत्या के अगले दिन ही दो नामजाज सहित दो अज्ञात के खिलाफ मंगलौर कोतवाली पुलिस में तहरीर दी थी। लेकिन मंगलौर कोतवाली पुलिस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जिसके बाद पीड़ित 17,8,2023 को एसएसपी हरिद्वार पहुंचा। एसएसपी हरिद्वार के आदेश पर मंगलौर कोतवाली पुलिस ने 1,9,2023 यानी पूरा एक महीना तीन दिन बाद हत्या का मुकदमा दो नामजद और दो अज्ञात के खिलाफ दर्ज किया।लेकिन इसमें कमाल यह है कि मंगलौर कोतवाली पुलिस ने एसएसपी हरिद्वार के आदेश पर हत्या का मुकदमा तो दर्ज कर लिया लेकिन हत्या का मुकदमा दर्ज होने के 41 दिन बाद भी मंगलौर कोतवाली पुलिस हत्यारों को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी नहीं कर पाई है। जिसके चलते मृतक पीड़ित के परिवार में पुलिस विभाग के खिलाफ गहरा आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। पीड़ित का कहना है कि परिवार की जान माल की सुरक्षा गुहार पुलिस के आला अधिकारियों को दिए जाने के बावजूद भी उसके पुत्र की हत्या कर दी गई और उसे आज भी अपने साथ किसी अप्रिय घटना होने की चिंता सता रही है। पीड़ित फिर बार-बार पुलिस से अपनी जान माल की सुरक्षा गुहार लगा रहा है।

उत्तराखंड

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