(चर्चे)वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के उर्स से पूर्व उठे विरोध के स्वर गद्दीनशींन परिवार के सामने कैसे हुवे धराशायी,,,?

(चर्चे)वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के उर्स से पूर्व उठे विरोध के स्वर गद्दीनशींन परिवार के सामने कैसे हुवे धराशायी,,,?

चाँद की 11 तारीख की महफ़िल में गद्दीनशीन के दस्तर खान की भी विरोध के स्वर उगलने वाले ने बढ़ाई रौनक,,,सूत्र
कलियर/रुड़की
अनवर राणा।
आजकल वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड के अध्यक्ष के चर्चे भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कभी मदरसा बोर्ड व वक्फ बोर्ड में टकराव की स्थिति के चर्चे तो कभी वक्फ माफियाओं की साँठगाँठ के चर्चे कम होने के बजाय बढ़ते ही जा रहे है। उत्तराखण्ड की सबसे ज्यादा करोड़ो में आय देने वाली दरगाह वैसे तो तत्कालीन वक्फ बोर्ड के भ्र्ष्टाचार के चलते माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिला अधिकारी हरिद्वार/प्रशासक दरगाह के हाथों में निहित है,लेकिन शासन सत्ता के सहारे कलियर दरगाह की देखभाल के लिये सीईओ वक्फ बोर्ड से पत्र प्रेषित कराकर ओर जिला अधिकारी हरिद्वार से अनुमोदन कराने के उपरांत यहां प्रबंधक पद पर पहली बार एक मास्टरनी साहिबा जो भाजपा नेता की पत्नी है उसको तैनात कराकर नियम कायदे ताक पर रख वक्फ की आय को तो बर्बाद कराने में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अग्रणी भूमिका निभा रहे है वहीं वक्फ की अचल संपत्ति को भी ठिकाने लगाने वालों से सांठगांठ कर नुकसान पहुंचाने की कार्यशैली पर काम किया जाने की चर्चा क्षेत्र में व्याप्त होनी शुरू हो गयी है। अभी हाल ही में दरगाह साबीर पाक के उर्स शुरू होने से पूर्व जनाब ने एक पत्र सीईओ वक्फ बोर्ड की मार्फ़त जिला अधिकारी हरिद्वार द्वारा नामित प्रशासक जॉइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को दिलाया गया।पत्र में बाकायदा गद्दीनशीन द्वारा दरगाह की की जाने वाली रस्मो को दरगाह के किसी कर्मी से कराने की मांग भी की गई थी, सूत्रों के हवाले से जानकारी के अनुसार जॉइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने वक्फ बोर्ड सीईओ के पत्र का जवाब ऐसा दिया कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष भी तिलमिला कर बैठ गये ओर गद्दीनशीन की महफ़िल में दो अन्य वक्फ माफियाओं की बैसाखी पर पहुंच गये।अब सवाल यह उठता है कि जब गद्दीनशीन परिवार के खिलाफ वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के स्वर तीखे थे,तो उनके द्वारा चाँद की 11 तारीख की महफ़िल में पहुंचकर गद्दीनशीन के दस्तरखान की रौनक बढ़ाये जाने के पीछे क्या समझौता हुआ है। जनता जानना चाहती है कि गद्दीनशीन परिवार अब क्या वक्फ माफिया की श्रेणी से बाहर हो गया या वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड ने सभी वक्फ भृष्टाचारियो के सामने घुटने टेक दिये हैं,,,?

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