चमन लाल महाविद्यालय में यौन उत्पीड़न निषेध समिति द्वारा विशेष व्याख्यान का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति सचिव अरुण कुमार हरित ने दीप प्रज्वलन के साथ किया
रुड़की/लंढौरा
अनवर राणा।
चमन लाल महाविद्यालय में यौन उत्पीड़न निषेध समिति द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति सचिव अरुण कुमार हरित ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। मुख्य वक्ता के रूप में चमन लाल लॉ कॉलेज के प्रोफेसर सुभाष अग्रवाल उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि यौन उत्पीड़न के किसी भी मामले में लड़कियों को पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसी घटनाओं को छुपाने से आपराधिक तत्वों को हौसला मिलता है इसी क्रम में उन्होंने यौन उत्पीड़न से बचाव एवं कानून संबंधी जानकारी से भी अवगत कराया। कई बार देखा गया है कि कानून संबंधी जानकारी के अभाव में अधिकांश लड़कियां इस प्रकार के उत्पीड़न का शिकार होते पाई गई है। आगे उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न की समस्याओं को अधिकतर छुपाने से आपराधिक तत्वों को बल मिलता है। कानून की जानकारी का होना लड़कियों के लिए अनिवार्य है जिससे वह अपने अधिकार के लिए लड़ सकें। आगे उन्होंने बताया कि इस प्रकार के मामलों में पुलिस प्रशासन की सहायता भी ले लेनी चाहिए उनसे तुरंत संपर्क करने से भी समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। व्याख्यान में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि यौन उत्पीड़न की अधिकतर घटनाएं परिवार अथवा आस पड़ौस के व्यक्तियों के द्वारा की जाती है जिसका लड़कियों के द्वारा विरोध करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लड़कियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। और आगे बताया कि समाज में जागरूकता लाने के लिए इस प्रकार की आयोजन अति आवश्यक है। यौन उत्पीड़न निषेध समिति की प्रभारी डॉ. अनामिका चौहान ने कहा कि लड़कियों को शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होना आवश्यक है तथा लड़कियों को अपने खिलाफ होने वाली ऐसी घटनाओं का विरोध तुरंत करना चाहिए जिससे आपराधिक तत्वों को नष्ट किया जा सके। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाए डॉ. किरण शर्मा, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. इरफान डॉ. दीपिका सैनी, डॉ. निशु कुमार, डॉ. हिमांशु कुमार, रीना गुप्ता, सुधा सिंह आदि कर्मचारीगण उपस्थित रहे।रुड़की/लंढौरा (देशराज पाल)। चमन लाल महाविद्यालय में यौन उत्पीड़न निषेध समिति द्वारा विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति सचिव अरुण कुमार हरित ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। मुख्य वक्ता के रूप में चमन लाल लॉ कॉलेज के प्रोफेसर सुभाष अग्रवाल उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि यौन उत्पीड़न के किसी भी मामले में लड़कियों को पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसी घटनाओं को छुपाने से आपराधिक तत्वों को हौसला मिलता है इसी क्रम में उन्होंने यौन उत्पीड़न से बचाव एवं कानून संबंधी जानकारी से भी अवगत कराया। कई बार देखा गया है कि कानून संबंधी जानकारी के अभाव में अधिकांश लड़कियां इस प्रकार के उत्पीड़न का शिकार होते पाई गई है। आगे उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न की समस्याओं को अधिकतर छुपाने से आपराधिक तत्वों को बल मिलता है। कानून की जानकारी का होना लड़कियों के लिए अनिवार्य है जिससे वह अपने अधिकार के लिए लड़ सकें। आगे उन्होंने बताया कि इस प्रकार के मामलों में पुलिस प्रशासन की सहायता भी ले लेनी चाहिए उनसे तुरंत संपर्क करने से भी समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। व्याख्यान में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि यौन उत्पीड़न की अधिकतर घटनाएं परिवार अथवा आस पड़ौस के व्यक्तियों के द्वारा की जाती है जिसका लड़कियों के द्वारा विरोध करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लड़कियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। और आगे बताया कि समाज में जागरूकता लाने के लिए इस प्रकार की आयोजन अति आवश्यक है। यौन उत्पीड़न निषेध समिति की प्रभारी डॉ. अनामिका चौहान ने कहा कि लड़कियों को शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत होना आवश्यक है तथा लड़कियों को अपने खिलाफ होने वाली ऐसी घटनाओं का विरोध तुरंत करना चाहिए जिससे आपराधिक तत्वों को नष्ट किया जा सके। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाए डॉ. किरण शर्मा, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. इरफान डॉ. दीपिका सैनी, डॉ. निशु कुमार, डॉ. हिमांशु कुमार, रीना गुप्ता, सुधा सिंह आदि कर्मचारीगण उपस्थित रहे।