मानवाधिकार दिवस अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन,,,

मानवाधिकार दिवस अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन,,,

मानवाधिकार दिवस अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन,,,

रुड़की

अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण ब्यूरो प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट नवीन कुमार जैन ने तहसील कैम्प कार्यलय पर मानवाधिकार दिवस अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया संगोष्ठी को संबोधन देते हुए प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट नवीन कुमार जैन ने कहा कि आज संम्पूर्ण विश्व में सबसे बडा संकट मानवीय अधिकारों की सुरक्षा को लेकर खड़ा है मध्यकालीन पश्चिमी समाज जहां दासता के आधार पर मानवीय मूल्यों तथा मानवाधिकारों का हनन तथा हत्या करता था वहीं आज विश्व में आतंकवाद, अलगाववाद तथा नस्लवादी भाव सम्पूर्ण विश्व में मानवाधिकारों का हनन कर रहा हैं 10 दिसंबर 1948 में जारी सार्वभौमिक मानवाधिकारों की घोषणा को साकार स्वरूप देने का निर्णय लिया गया था विचार संगोष्ठी में एकत्र अधिवक्ताओं व वक्ताओं ने मानवीय जीवन के लिये संविधान में अनुच्छेद14 से अनुच्छेद21 में वर्णित अधिकारों के प्रति प्रत्येक उत्पीड़ित मानव को जागरूक करने हेतु विचार रखें गए व ब्यूरो पदाधिकारी व अधिवक्ताओं ने भारत माता की शपथ लेते हुए नारा दिया गया हमारा लक्ष्य मानव सेवा व रहे जागरूक बने जिम्मेदार और करें शोषित व उत्पीड़ित नागरिकों की सुरक्षा इस अवसर पर कृष्णदत्त धीमान, समाजसेवी अनिल वर्मा,अध्यक्ष तरुण क्रांति मंच नरेंद्र जैन, सुधीर चौधरी, सुबोध कुमार शर्मा,सचिन गोंड़वाल, अनुज आत्रेय, मदन श्रीवास्तव, सुनील कुमार गोयल,अशोक कुमार, एड आशीष पंडित,पदम् सिंह,रविंदरपाल वर्मा,ब्यूरो उपाध्यक्ष एडवोकेट राजू वर्मा,आशु,नरेश कुमार, जितेंद्र,सहजाद अल्वी, इंद्र बधान,पंडित बालगोविंद थपियाल आदि मौजूद थे।रुड़की। अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण ब्यूरो प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट नवीन कुमार जैन ने तहसील कैम्प कार्यलय पर मानवाधिकार दिवस अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया संगोष्ठी को संबोधन देते हुए प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट नवीन कुमार जैन ने कहा कि आज संम्पूर्ण विश्व में सबसे बडा संकट मानवीय अधिकारों की सुरक्षा को लेकर खड़ा है मध्यकालीन पश्चिमी समाज जहां दासता के आधार पर मानवीय मूल्यों तथा मानवाधिकारों का हनन तथा हत्या करता था वहीं आज विश्व में आतंकवाद, अलगाववाद तथा नस्लवादी भाव सम्पूर्ण विश्व में मानवाधिकारों का हनन कर रहा हैं 10 दिसंबर 1948 में जारी सार्वभौमिक मानवाधिकारों की घोषणा को साकार स्वरूप देने का निर्णय लिया गया था विचार संगोष्ठी में एकत्र अधिवक्ताओं व वक्ताओं ने मानवीय जीवन के लिये संविधान में अनुच्छेद14 से अनुच्छेद21 में वर्णित अधिकारों के प्रति प्रत्येक उत्पीड़ित मानव को जागरूक करने हेतु विचार रखें गए व ब्यूरो पदाधिकारी व अधिवक्ताओं ने भारत माता की शपथ लेते हुए नारा दिया गया हमारा लक्ष्य मानव सेवा व रहे जागरूक बने जिम्मेदार और करें शोषित व उत्पीड़ित नागरिकों की सुरक्षा इस अवसर पर कृष्णदत्त धीमान, समाजसेवी अनिल वर्मा,अध्यक्ष तरुण क्रांति मंच नरेंद्र जैन, सुधीर चौधरी, सुबोध कुमार शर्मा,सचिन गोंड़वाल, अनुज आत्रेय, मदन श्रीवास्तव, सुनील कुमार गोयल,अशोक कुमार, एड आशीष पंडित,पदम् सिंह,रविंदरपाल वर्मा,ब्यूरो उपाध्यक्ष एडवोकेट राजू वर्मा,आशु,नरेश कुमार, जितेंद्र,सहजाद अल्वी, इंद्र बधान,पंडित बालगोविंद थपियाल आदि मौजूद थे।

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