गणतंत्र दिवस पर राम के नाम राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अपने विभाग के भृष्टाचारियो  पर क्यों मेहरबान, ,,

गणतंत्र दिवस पर राम के नाम राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अपने विभाग के भृष्टाचारियो पर क्यों मेहरबान, ,,

गणतंत्र दिवस पर राम के नाम राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अपने विभाग के भृष्टाचारियो  पर क्यों मेहरबान, ,,

सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड अलग से बनाने पर भी मदरसों पर अनाप सनाप बयान शादाब के द्वारा क्यों किये जा रहे जारी,,,

सादाब शम्स के बेतुके बयान पर धार्मिक चोला पहने दरगाह की रसुमात को अपनी जागीर समझने वालों की चुपी के मायने क्या,,,

कलियर।

अनवर राणा।

उत्तराखण्ड भाजपा सरकार का जीरो टोलरेंश  व करप्शन पर जीरो टोलरेंश की सरकार को भ्र्ष्टाचार में लिप्त वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड सरकार के विभाग में अन्य सभी विभागों से अधिक भ्र्ष्टाचार के मामले फाइलों में धूल फांक रहे है।जिससे सरकार की जीरो टोलरेंश की सरकार को भी पलीता बड़ी ही चतुराई और समझदारी से वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स लगाने में जुटे हुवे है। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष द्वारा गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण दरगाह कार्यालय के दौरान जो बयान श्री राम को नबियों का दर्जा देने सम्बन्धी दिया गया उस बयान को दरगाह की संपत्ति को डकारने वाले धार्मिक चौला धारण करने वाले ओर दरगाह की रसुमात को अपनी दादा इलाही जागीर समझने वाले लोग बड़ी ही खूबसूरती से हजम करते नजर आ रहे है।क्योंकि यदि इन धार्मिक चौला पहनने वाले लोगों ने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बेतुके बयान की जरा भी निंदा की तो फिर दरगाह आय की लूट से भी हाथ धोने पड़ सकते है,यही कारण है कि गाहे बगाहे वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अनाप सनाप बयान देकर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं का दिल जीतने का भरसक प्रयत्न करते है। जानकार लोगों का कहना यह है कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष भाजपा को खुश करने की बजाय वक्फ बोर्ड में आकंठ तक भ्र्ष्टाचार में डूबे कर्मचारियों के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के पालन को भी दरकिनार कर भृष्टाचारियो को बचाकर वक्फ की सम्पत्तियों को बर्बाद कर रहे है ओर पार्टी को खुश कर अनाप शनाप धार्मिक बयान परोस रहे है।जबकि वक्फ अध्यक्ष की भृष्टाचारियो के खिलाफ कोई कार्यवाही न करने से भाजपा की सरकार की जीरो टोलरेंश की नीति का मखोल उड़ता नजर आ रहा है ओर भाजपा पार्टी की छवि को भी इसका नुकसान हो रहा है।गणतंत्र दिवस पर राम के नाम राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अपने विभाग के भृष्टाचारियो  पर क्यों मेहरबान, ,,

 

सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड अलग से बनाने पर भी मदरसों पर अनाप सनाप बयान शादाब के द्वारा क्यों किये जा रहे जारी,,, 

 

शादाब शम्स के बेतुके बयान पर धार्मिक चोला पहने दरगाह की रसुमात को अपनी जागीर समझने वालों की चुपी के मायने क्या,,,

कलियर।

अनवर राणा।

उत्तराखण्ड भाजपा सरकार का जीरो टोलरेंश  व करप्शन पर जीरो टोलरेंश की सरकार को भ्र्ष्टाचार में लिप्त वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड सरकार के विभाग में अन्य सभी विभागों से अधिक भ्र्ष्टाचार के मामले फाइलों में धूल फांक रहे है।जिससे सरकार की जीरो टोलरेंश की सरकार को भी पलीता बड़ी ही चतुराई और समझदारी से वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स लगाने में जुटे हुवे है। वक्फ बोर्ड अध्यक्ष द्वारा गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण दरगाह कार्यालय के दौरान जो बयान श्री राम को नबियों का दर्जा देने सम्बन्धी दिया गया उस बयान को दरगाह की संपत्ति को डकारने वाले धार्मिक चौला धारण करने वाले ओर दरगाह की रसुमात को अपनी दादा इलाही जागीर समझने वाले लोग बड़ी ही खूबसूरती से हजम करते नजर आ रहे है।क्योंकि यदि इन धार्मिक चौला पहनने वाले लोगों ने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बेतुके बयान की जरा भी निंदा की तो फिर दरगाह आय की लूट से भी हाथ धोने पड़ सकते है,यही कारण है कि गाहे बगाहे वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अनाप सनाप बयान देकर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं का दिल जीतने का भरसक प्रयत्न करते है। जानकार लोगों का कहना यह है कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष भाजपा को खुश करने की बजाय वक्फ बोर्ड में आकंठ तक भ्र्ष्टाचार में डूबे कर्मचारियों के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के पालन को भी दरकिनार कर भृष्टाचारियो को बचाकर वक्फ की सम्पत्तियों को बर्बाद कर रहे है ओर पार्टी को खुश कर अनाप शनाप धार्मिक बयान परोस रहे है।जबकि वक्फ अध्यक्ष की भृष्टाचारियो के खिलाफ कोई कार्यवाही न करने से भाजपा की सरकार की जीरो टोलरेंश की नीति का मखोल उड़ता नजर आ रहा है ओर भाजपा पार्टी की छवि को भी इसका नुकसान हो रहा है।

उत्तराखंड