भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता में लिप्त दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहंमद ने आखिरकार अपने पद से दिया इस्तीफा,कार्यकाल की हो गहनता से जांच,,,

भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता में लिप्त दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहंमद ने आखिरकार अपने पद से दिया इस्तीफा,कार्यकाल की हो गहनता से जांच,,,

भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता में लिप्त दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहंमद ने आखिरकार अपने पद से दिया इस्तीफा,कार्यकाल की हो गहनता से जांच,,,

रुड़की/कलियर

अनवर राणा।

दरगाह कार्यालय में लंबे समय से तैनात चर्चित महभृष्ट अकाउंटेंट सफीक अहंमद ने आखिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया बताया जा रहा है।सूत्रों की माने तो दरगाह प्रशासक/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने सफीक अहंमद का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है ऐसी चर्चा क्षेत्र में जोरो से पनप रही है। दरगाह अकॉउंटेन्ट के पद पर तैनात रहे सफीक अहंमद पर लंबे समय तक प्रबंधक/एकाउंट का भार रहते हुवे उसने वक्फ की चल अचल सम्पत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाकर अपनी जेबें भरने का काम किया है। सफीक अहंमद क्षेत्र पंचायत कार्यालय रुड़की में एकाउंट के पद पर रहते हुवे उसे दरगाह का अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया था लगभग तीन वर्ष पहले रिटायरमेंट होने के बावजूद भी सफीक अहंमद के मुंह वक्फ व दान के पैसे की लगी छुटी नहीं ओर उसने वक्फ के दान की आय से 30000 हजार रुपये महीना सांठगांठ कर महावारी तय कराई ओर यहां पर भारी भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की है। अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि सफीक अहंमद ने अपने खिलाफ हो रही जांच से बचने के लिये अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है ओर त्यागपत्र स्वीकार भी होना बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सफीक अहंमद के कार्यकाल में हुवे भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की जांच अधिकारी करा पाएंगे या नहीं यह बड़ा सवाल है।भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता में लिप्त दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहंमद ने आखिरकार अपने पद से दिया इस्तीफा,कार्यकाल की हो गहनता से जांच,,,

रुड़की/कलियर

अनवर राणा।

दरगाह कार्यालय में लंबे समय से तैनात चर्चित महभृष्ट अकाउंटेंट सफीक अहंमद ने आखिर अपने पद से इस्तीफा दे दिया बताया जा रहा है।सूत्रों की माने तो दरगाह प्रशासक/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने सफीक अहंमद का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है ऐसी चर्चा क्षेत्र में जोरो से पनप रही है। दरगाह अकॉउंटेन्ट के पद पर तैनात रहे सफीक अहंमद पर लंबे समय तक प्रबंधक/एकाउंट का भार रहते हुवे उसने वक्फ की चल अचल सम्पत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाकर अपनी जेबें भरने का काम किया है। सफीक अहंमद क्षेत्र पंचायत कार्यालय रुड़की में एकाउंट के पद पर रहते हुवे उसे दरगाह का अतिरिक्त चार्ज भी दिया गया था लगभग तीन वर्ष पहले रिटायरमेंट होने के बावजूद भी सफीक अहंमद के मुंह वक्फ व दान के पैसे की लगी छुटी नहीं ओर उसने वक्फ के दान की आय से 30000 हजार रुपये महीना सांठगांठ कर महावारी तय कराई ओर यहां पर भारी भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की है। अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि सफीक अहंमद ने अपने खिलाफ हो रही जांच से बचने के लिये अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है ओर त्यागपत्र स्वीकार भी होना बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सफीक अहंमद के कार्यकाल में हुवे भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की जांच अधिकारी करा पाएंगे या नहीं यह बड़ा सवाल है।

उत्तराखंड