रमजान का चांद नजर आते ही मस्जिदों में बढी रौनक,नमाजों के साथ ही विशेष नमाज तरावीह की गयी अदा,,,

रमजान का चांद नजर आते ही मस्जिदों में बढी रौनक,नमाजों के साथ ही विशेष नमाज तरावीह की गयी अदा,,,

रमजान का चांद नजर आते ही मस्जिदों में बढी रौनक,नमाजों के साथ ही विशेष नमाज तरावीह की गयी अदा,,,
रुड़की।
रमजान के पवित्र महीने का चांद नजर आते ही मस्जिदों में रौनक बढ़ाने के साथ ही नमाजियों की तादाद भी बढ़ गई है।मगरिब की नमाज अदा करते ही नमाजियों ने चांद का दीदार किया तथा रमजान में पढ़े जाने वाली विशेष नमाज तरावीह के लिए मुस्लिम समाज के लोगों में उत्साह का माहौल नजर आया।इस्लाम धर्म में रमजान के महीने का विशेष महत्व है।रमजान का महीना हर मुसलमान के लिए पावन और महत्वपूर्ण होता है।इस्लाम के बारह महीने में एक महीने में का नाम रमजान है।इस महीने में प्रत्येक मुसलमान तीस दिनों के रोजे रखते हैं तथा पांचो नमाजों की पाबंदी के साथ ही रात्रि में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज तरावीह की नमाज भी अदा कर पुण्य कमाते हैं।रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा गया है,जो पहला अशरा दस दिन का होता है,दूसरा अशरा ग्यारह से बीस और तीसरा अशरा इक्कीस से तीस दिन का होता है,जो क्रमशः से रहमत,मगफिरत,गुनाहों से माफी तथा जहन्नुम से छुटकारा पाने का है।रमजान के दिनों में प्रत्येक मुसलमान गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए जकात,फितरे तथा दान का कार्य दिल खोलकर करता है। मुसलमानों के लिए यह विशेष रूप से दुआओं और खुशियों का महीना है।रमजान का महीना इंसान को सब्र,त्याग और मोहब्बत करना सीखाता है।रमजान के महीने में रोजे रखने के साथ-साथ कुरान की तिलावत भी की जाती है,जिसका सवाब कई गुना अधिक मिलता है।

उत्तराखंड