उत्तरी हरिद्वार लंबे संघर्ष के बाद कुछ दिन पहले 17 करोड़ रुपए की लागत से बने नए अस्पताल की छत भी लगी टपकने,,,
हरिद्वार:
मानसून सीजन की शुरुआत में ही देश भर से कहीं एयरपोर्ट गिरने तो कहीं पुल गिरने की खबरें आ रही हैं। यहां तक की अयोध्या में हाल ही में बने राम मंदिर की छत टपकने की बात कही जा रही है। इस बीच उत्तरी हरिद्वार लंबे संघर्ष के बाद कुछ दिन पहले 17 करोड़ रुपए की लागत से बने नए अस्पताल की छत भी टपकने लगी है। जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। अस्पताल के लिए क्षेत्र वासियों के साथ मिलकर संघर्ष करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज निषाद ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले की शिकायत करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग उठाई है।
उत्तरी हरिद्वार भूपतवाला में अस्पताल को लेकर एक लंबा संघर्ष क्षेत्रवासियों ने किया, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज निषाद ने अस्पताल निर्माण की मांग को पुरजोर तरीके से उठाया और समय समय पर हस्ताक्षर अभियान के साथ धरने-प्रदर्शन किए। हरिद्वार से लेकर देहरादून के सरकारी कार्यालयों और शासन के भी चक्कर लगाएं हैं, तब जाकर भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से करीब 17 करोड़ रुपये का बजट पास किया, साथ ही नगर निगम हरिद्वार बोर्ड बैठक ने 2547.21 वार्गमीटर जमीन निशुल्क पास की जिसपर शासन ने भी मुहर लगाई। 17 करोड़ की लागत से अस्पताल की बिल्डिंग तो बन गई लेकिन बिल्डिंग का कार्य एक साल से ज्यादा समय पर भी पूरा नहीं हुआ। मानसून की पहली बारिश में ही अस्पताल की छत टपकने दीवारों पर सीलन आने पर समाजसेवी मनोज निषाद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर थर्ड पार्टी जांच की मांग की हैं और कार्यदाई संस्था ब्रिडकुल के द्वारा समय से कार्य पूरा नही करने पर जुर्माना लगाने व ब्लैकलिस्ट करने की मांग की गई हैं। मनोज निषाद का कहना हैं अस्पताल सिर्फ बिल्डिंग नही हैं ये हमारी आस्था हैं अस्पताल के लिए एक बड़ा संघर्ष सिर्फ इस लिए नही किया गया की कोई संस्था आएं और करोड़ों रुपया लगाकर भी अच्छा अस्पताल ना बना पाए। अगर सरकार ने जल्द ध्यान नहीं दिया तो मजबूरन सड़को पर आकर हस्ताक्षर अभियान धरना प्रर्दशन किया जाएगा।