रानी पुलिस ने शिवालिक नगर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान एक मोटरसाइकिल सवार को रोका, जिसके कब्जे से 8.32 ग्राम अवैध स्मैक की बरामद,,,
हरिद्वार:
उत्तराखंड को “नशा मुक्त देवभूमि-2025” अभियान के तहत मादक पदार्थों से मुक्त करने के लिए प्रदेशभर में पुलिस युद्धस्तर पर अभियान चला रही है। इसी कड़ी में पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर रानीपुर कोतवाली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस ने शिवालिक नगर क्षेत्र में चेकिंग के दौरान एक मोटरसाइकिल सवार को रोका, जिसके कब्जे से 8.32 ग्राम अवैध स्मैक बरामद की गई। गिरफ्तार व्यक्ति नशा तस्करी में लिप्त पाया गया, जो उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले का रहने वाला है। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह पहले लुधियाना, पंजाब में नौकरी करता था, लेकिन नौकरी छूटने के बाद हरिद्वार आकर नशे के कारोबार में शामिल हो गया। आरोपी ने यह भी बताया कि उसे यह स्मैक हरिद्वार के रावली महदूद क्षेत्र में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति से मिली थी, जिसकी पहचान रोहित सैनी के रूप में हुई है। फिलहाल, पुलिस फरार तस्कर की तलाश में जुटी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी ने बताया अवैध मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे “नशा मुक्त देवभूमि-2025” अभियान के तहत शिवालिक नगर स्थित जेकेटी आउटर के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने एक मोटरसाइकिल (स्प्लेंडर प्लस, नंबर UP-20 CM-4612) पर सवार बहादुर पुत्र धनीराम को रोका। तलाशी लेने पर उसके पास से 8.32 ग्राम स्मैक और स्मैक बेचकर कमाए गए 700 रुपये बरामद किए गए। गिरफ्तार आरोपी बहादुर, निवासी ग्राम कोर सराय रायपुर, थाना नागल सोती, जिला बिजनौर, ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह पहले लुधियाना, पंजाब में नौकरी करता था। नौकरी छूटने के बाद वह हरिद्वार आया, जहां उसकी मुलाकात रोहित सैनी (निवासी रावली महदूद, सिडकुल, हरिद्वार) से हुई। रोहित सैनी उसे 350 रुपये प्रति बिट के हिसाब से स्मैक देता था, जिसे वह बेचकर अपना गुजारा चलाता था। गिरफ्तार आरोपी बहादुर और फरार आरोपी रोहित सैनी के खिलाफ थाना रानीपुर में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी, उपनिरीक्षक विकास रावत, कांस्टेबल दीप गौड़, कांस्टेबल विवेक गुसाईं व कांस्टेबल कुंवर राणा शामिल रहे।
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महंगे शौंक और अधिक पैसा कमाने के लालच में आया नशे के धंधे में…..
हरिद्वार: गिरफ्तार बहादुर, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के कोर सराय गांव का रहने वाला है, ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में नशे के कारोबार में शामिल हुआ। गिरफ्तार तस्कर आठवीं कक्षा तक पढ़ा है और आर्थिक तंगी के चलते कई छोटे-मोटे काम कर चुका है। बहादुर के परिवार में तीन भाई और तीन बहनें हैं। उसका सबसे बड़ा भाई हरिद्वार स्थित मिल्टन कंपनी में लोडिंग का काम करता है। भाई के कहने पर बहादुर ने भी इस कंपनी में 1-2 दिन काम किया, लेकिन मेहनत अधिक और पैसा कम मिलने के कारण उसने यह काम छोड़ दिया। काम की तलाश में वह अपने बड़े भाई के साथ लुधियाना, पंजाब चला गया, जहां वह मिठाई बनाने का काम करता था। हालांकि, इस काम में भी ज्यादा कमाई नहीं हो पाती थी, जिससे वह वापस अपने गांव लौट आया। गांव वापस आने पर बहादुर ने अपने गांव के एक युवक अन्ना को देखा, जो हरिद्वार में स्मैक बेचने का काम करता था। अन्ना की नई मोटरसाइकिल, स्टाइलिश पहनावा और रहन-सहन ने बहादुर को प्रभावित किया। इसके बाद उसने भी नशे के कारोबार में कदम रखने का मन बना लिया। हरिद्वार आकर उसने सुभाष नगर, ज्वालापुर में 2009 रुपये महीने पर किराए का कमरा लिया। इसी दौरान उसकी मुलाकात रोहित सैनी (निवासी रावली महदूद, सिडकुल) से हुई, जो पहले से स्मैक बेचने के अपराध में जेल जा चुका था। रोहित सैनी ने बहादुर को स्मैक बेचने का काम दिया और हर स्मैक की बिट बेचने पर 100 रुपये कमीशन देने का लालच दिया। बहादुर ने बताया कि वह प्रतिदिन 8-10 बिट्स सिडकुल, गैस प्लांट और हरकी पैड़ी जैसे क्षेत्रों में नशे के शौकीनों को बेचता था। इस काम से वह दिनभर में अच्छा पैसा कमा लेता था।