हल्के में नहीं लेना चाहिये अन्य पार्टियों के प्रतियाशियो को निर्दलीय उम्मीदवार श्रेष्ठा राणा की चुनौती,,,

हल्के में नहीं लेना चाहिये अन्य पार्टियों के प्रतियाशियो को निर्दलीय उम्मीदवार श्रेष्ठा राणा की चुनौती,,,

हल्के में नहीं लेना चाहिये अन्य पार्टियों के प्रतियाशियो को निर्दलीय उम्मीदवार श्रेष्ठा राणा की चुनौती,,,

यशपाल राणा की सियासत में ऊंची साख और जनता के बीच गहरी पैठ ने श्रेष्ठा राणा के चुनावी समीकरण को बना दिया रोचक ,,,

रुड़की:
अनवर राणा।
नगर निगम चुनाव का पारा दिन-ब-दिन चढ़ता जा रहा है। हर प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से चुनावी मैदान में दमखम दिखा रहा है। इसी बीच, रुड़की नगर निगम सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार श्रेष्ठा राणा, जो पूर्व मेयर यशपाल राणा की पत्नी हैं, चुनावी रण में पूरी मजबूती के साथ डटी हुई हैं। श्रेष्ठा राणा का चुनाव चिन्ह “वायुयान” (हवाई जहाज) है, और उनके समर्थकों ने इसे घर-घर तक पहुंचाने में पूरी ताकत झोंक दी है।
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यशपाल राणा का राजनीतिक अनुभव बना ताकत…..
यशपाल राणा का नाम रुड़की की राजनीति में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वह पहले भी नगर निगम के मेयर रह चुके हैं और राजनीतिक गलियारों में उनकी पकड़ मजबूत है। उनकी पत्नी श्रेष्ठा राणा पहले बोर्ड में सदस्य रह चुकी हैं, जिससे उनकी राजनीतिक समझ और प्रशासनिक अनुभव का लाभ उन्हें इस चुनाव में मिल रहा है।
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जनसंपर्क और नुक्कड़ सभाओं से प्रचार तेज….
श्रेष्ठा राणा और यशपाल राणा मिलकर हर गली-मोहल्ले में प्रचार कर रहे हैं। डोर-टू-डोर कैंपेन, जनसभाएं, और नुक्कड़ सभाएं आयोजित कर वे मतदाताओं से सीधा संवाद कर रहे हैं। यशपाल राणा खुद भी चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और हर घर जाकर हवाई जहाज पर वोट देने की अपील कर रहे हैं।
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जनसमर्थन से उत्साहित समर्थक….
श्रेष्ठा राणा को मिल रहा जनसमर्थन भी चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों में उनकी लोकप्रियता और उनके पति यशपाल राणा का सम्मान उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बना रहा है। रुड़की की जनता का कहना है कि राणा परिवार ने हमेशा ही शहर के विकास और जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दी है, जिसके चलते लोग एक बार फिर से उन पर भरोसा जता रहे हैं।
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सियासत में बड़ा कद और लोकप्रियता बनी ताकत…..
यशपाल राणा की सियासत में ऊंची साख और जनता के बीच गहरी पैठ ने चुनावी समीकरण को रोचक बना दिया है। उनके समर्थकों ने प्रचार अभियान में जोश भर दिया है। चुनावी माहौल को देखते हुए यह साफ है कि निर्दलीय उम्मीदवार श्रेष्ठा राणा की चुनौती को अन्य पार्टियों के प्रत्याशी हल्के में नहीं ले सकते।

उत्तराखंड