गोल्ड मेडलिस्ट खुशनशिब का संघर्ष से सफलता तक का सफर….

गोल्ड मेडलिस्ट खुशनशिब का संघर्ष से सफलता तक का सफर….

गोल्ड मेडलिस्ट खुशनशिब का संघर्ष से सफलता तक का सफर….
रुड़की:
सफलता कभी भी संसाधनों की मोहताज नहीं होती, यह साबित कर दिखाया है पाडली गुर्जर की बेटी खुशनसीब ने, जिसने अपनी मेहनत और लगन के बल पर ना केवल क्षेत्र का बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया। निर्धन परिवार में जन्मी इस प्रतिभाशाली बेटी ने दो गोल्ड और तीन सिल्वर मेडल जीतकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। अब उसका नाम जर्मनी में होने वाली ड्रैगन बोट प्रतियोगिता के लिए चुना गया है, जिससे उसके परिवार और क्षेत्र में जश्न का माहौल है।
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संघर्ष से सफलता तक का सफर….
खुशनसीब के पिता इकराम सलमानी, जो पेशे से एक साधारण श्रमिक हैं, ने अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुँचाने के लिए दिन-रात मेहनत की। उनके छह बच्चों में खुशनसीब सबसे छोटी हैं, लेकिन उन्होंने अपने हौसले और जज़्बे से दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। उनके संघर्ष की कहानी हर उस माता-पिता के लिए प्रेरणा है जो सीमित साधनों के बावजूद अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं।
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खुशनसीब की मेहनत और उपलब्धियां….
खुशनसीब पिछले तीन वर्षों से लगातार कठिन परिश्रम कर रही हैं। उनकी लगन और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया, जहाँ आज पूरा क्षेत्र उनकी उपलब्धि पर गर्व कर रहा है। जर्मनी में होने वाली प्रतियोगिता के लिए चुना जाना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।
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माँ की आंखों में खुशी के आंसू….
खुशनसीब की माँ रिहाना अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर फख्र महसूस कर रही हैं। उनकी आंखों में खुशी के आँसू छलक आए जब उन्होंने अपनी बेटी को मेडल जीतते हुए देखा। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ हमारी नहीं, पूरे क्षेत्र की खुशी है। हमें यकीन था कि हमारी बेटी कुछ बड़ा करेगी, लेकिन आज जो उसने किया, वह हमारी उम्मीदों से भी बढ़कर है।”
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क्षेत्र में खुशी का माहौल….
खुशनसीब की सफलता से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा पाडली गुर्जर क्षेत्र गर्व महसूस कर रहा है। मोहल्ले के लोग और शुभचिंतक उनके घर पहुँचकर बधाइयाँ दे रहे हैं। क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस उपलब्धि पर खुशनसीब को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
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आगे का सफर…..
अब खुशनसीब का अगला लक्ष्य जर्मनी में होने वाली ड्रैगन बोट प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। अगर उसे इस प्रतियोगिता में सफलता मिलती है, तो यह न केवल उसके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात होगी। खुशनसीब की कहानी यह साबित करती है कि यदि इरादे मजबूत हों, तो कोई भी कठिनाई सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती। यह केवल उसकी जीत नहीं, बल्कि हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की चाह रखती है।

उत्तराखंड