मेंहदी डोरी की रस्म के साथ कल साबिर पाक के 757 वे उर्स का होगा आगाज,,,,
लगभग 75 वर्ष पूर्व से ही सज्जादा नशीन परिवार की तरफ से की जाती है मेंहदी की रसुमात,,,
कलियर:
विश्वप्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक में हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक रहमतुल्लाह अलैह का 757वां सालाना उर्स माह रबीउल अव्वल की पहली तारीख को मेहंदी डोरी की रस्म के साथ शुरू होगा। इस मौके पर सज्जादानशीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि रविवार को नमाज़-ए-असर के बाद दरगाह के मुख्य गेट पर परचमकुशाई की रस्म अदा की जाएगी। उसी रात माहे रबीउल अव्वल का चाँद दिखाई देने पर उनके कदीमी घर से निकलने वाली मेंहदी डोरी दरगाह शरीफ में पेश होगी और इस रस्म के साथ उर्स-ए-साबिर पाक का विधिवत आगाज़ होगा। उर्स की प्रमुख रसूमात के तहत 11 रबीउल अव्वल को हज़रत गौस पाक रह. का कुल शरीफ और महफ़िल-ए-समा, 12 रबीउल अव्वल को बड़ी रौशनी यानी ईद मिलादुन्नबी पर दिनभर जश्न-ए-मिलादुन्नबी और रात को नातिया महफ़िल-ए-समा, 13 रबीउल अव्वल को साबिर पाक का कुल शरीफ, दस्तारबंदी और रात में कव्वाली का आयोजन होगा, जिसमें मुल्कभर से मशहूर कव्वाल, सूफी संत और खुद्दाम शरीक होंगे। 14 रबीउल अव्वल को सुबह ग़ुस्ल शरीफ की रस्म और रात को साबिर पाक के दादा पीर हज़रत ख्वाजा बख़्तियार काकी रह. का कुल शरीफ व महफ़िल-ए-समा आयोजित होगी, जबकि 17 रबीउल अव्वल को मगरिब के बाद साबिर पाक के वालिद-ए-मुहतारम हज़रत अब्दुर्रहीम शाह साहब का कुल शरीफ अदा किया जाएगा। सभी रसूमात सज्जादानशीन अपने खानवादा और खुद्दाम के साथ अदा करेंगे। उन्होंने बताया कि उर्स की कुल अवधि तक़रीबन 20 दिन की होगी, जिसमें मुल्कभर से लाखों जायरीन और सूफी संत पिरान कलियर पहुंचकर हाज़िरी देंगे।