फिर पन्द्रह साल बाद दरगाह से चोर भगाओ की शुरुआत की गयी पूर्व प्रधान कलियर के द्वारा

फिर पन्द्रह साल बाद दरगाह से चोर भगाओ की शुरुआत की गयी पूर्व प्रधान कलियर के द्वारा

रुड़की/पिरान कलियर (अनवर राणा)
*दरगाह साबिर पाक के कर्मचारियों में अधिकांश कर्मचारी यू पी ,बंगाल,जम्मू कश्मीर,आदि राज्यो के रहने वाले है।उक्त कर्मचारियों की बाकायदा उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त कर रखी है ओर अलग अलग जगह पर इन कर्मियों की सेवा रात दिन ली जा रही है।परंतु कुछ कर्मियों की सी डी देखने तथा कुछ को रंगेहाथ पकड़ कर नोकरी से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने बरख्वास्त कर दिया है।ओर भी कुछ  कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे जायरीनों से गलत व्यवहार की भी जांच की जा रही जिसकी जद में अन्य दस बारह कर्मी आने की चर्चा व्याप्त हो रही है।परंतु इसी बीच कलियर के पूर्व प्रधान इरफान कुरेशी ने आज सोमवर को दरगाह की राजनीति में दखल देकर खलबली मचा दी। ओर दरगाह की साबरी मस्जिद के मोअज्जन पर जायरीनों से अवैध वसूली और अपने नाबालिक लड़को के द्वारा खिदमत कराने का आरोप लगाकर प्रदेश के मुख्य मंत्री को पत्र भेजकर जांच कर कार्यवाही की मांग की है।उन्होंने कहा है कि अगर मोजज्जन पर कार्यवाही नही हुई तो यहां पर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। यहां यह भी बता देना जरूरी है कि पन्द्रह साल पूर्व भी इरफान कुरेसी प्रधान के द्वारा दरगाह की आय नुकसान के  बहाने से  निवर्तमान चेयरमैन रहीश के खिलाफ एक ही परिवार से मिली भगत कर वार्षिक ठेको का लाभ पहुंचाने के खिलाफ यू पी के पूर्व गृहमंत्री को साथ लेकर बड़ा आंदोलन छेड़ा गया था।इस आंदोलन में दरगाह साबिर पाक की आय को नुकसान समझते हुवे यहां के चारो गांव के लोगो ने भी जम कर भाग लिया था।लेकिन हुआ कुछ नही था बल्कि दरगाह की आय व वार्षिक ठेके भी उन्हीं लोगों के नाम कराए गए थे जिनके खिलाफ आंदोलन किया गया था।उसके बाद साबरी मस्जिद  शहीद व तामीर को बोर्ड लगाकर चंदा वसूली का आरोप भी कुछ लोगो पर  लगाया था तब भी मोअज्जन पर गम्भीर आरोप लगे थे। लेकिन मस्जिद की तामीर की अवैध वसूली  करने वाले लोग ओर मोअज्जन साथ साथ थे।अब दरगाह में आस्था रखने वाले लोगो मे दरगाह में हो रहे गलत कार्यो को रुकवाने के लिये एक पूर्व प्रधान इरफान  की हिस्सेदारी से कुछ कार्यवाही हो पाती है या नही ।दरगाह कर्मियों व बाहरी लोगों द्वारा  दरगाह में हो रहे गलत ओर भी अनेक  कार्यो में दखल हो पायेगा या नही ये तो भविष्य में ही पता चल पाएगा।*
उत्तराखंड