दो माह पूरक क्षतिग्रस्त पुल से चल रहे ओवर लोड लेकिन कलियर में ढाई वर्ष के बाद भी नही हुई मरमत  आने जाने का रास्ता बंद

दो माह पूरक क्षतिग्रस्त पुल से चल रहे ओवर लोड लेकिन कलियर में ढाई वर्ष के बाद भी नही हुई मरमत आने जाने का रास्ता बंद

*”ख़ामोश हो गए आवाज़ उठाने वाले,,*

*प्रवेज़ आलम!**पिरान कलियर!*

*”वाकिफ है खूब झूठ के फन से,,*
*ये आदमी जरूर सियासत में जाएगा..*

जी हा ये भी आज के दौर की एक कड़वी सच्चाई है, जिसके अंदर झूठ, मक्कारी और फ़रेब का हुनर है वो उतना ही बड़ा नेता है, और इसी तर्ज पर छोटे नेता भी चल कर अपना भविष्य सवारने के सपने संजोय नजर आ रहे है। इस लेख पर विश्व विख्यात शायर राहत इंदौरी का एक शेर याद आता है, कि *झूठो ने झूठो से कहा है सच बोलो,, सरकारी ऐलान हुआ है सच बोलो,, घर के अंदर झूठो की एक मंडी है,, बाहर दरवाज़े पर लिखा है सच बोलो,,* कुछ ऐसा ही नज़ारा सर्वधर्म आस्था की नगरी पिरान कलियर में देखने को मिल रहा है, लगभग दो सप्ताह पूर्व कलियर के एक जनप्रतिनिघी ने शोशल मीडिया के माध्यम से पुरानी गंगनहर पुल की अंदेखी पर विरोध प्रदर्शन करने की बात कही थी, इसके बाद कावड़ मेला शुरू होने के चलते विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम स्थगित करते हुए कावड़ मेला सम्पन्न होने के बाद विरोध प्रदर्शन करने की बात कही गयी थी, लेकिन कावड़ मेला सम्पन्न होने के साथ साथ शायद नेता जी का विरोध प्रदर्शन भी सम्पन्न हो गया। क्योंकि कावड़ मेला 30 जुलाई को सम्पन्न हो गया था, और आज 3 दिन बीत गए, लेकिन नेता जी वक़्त के साथ शायद अपना गुस्सा भी पी गए, या ये भी हो सकता है कि इस बीच नेता जी से कोई स्टेलमेंट हो गया हो, खामोशी के कई पहलू है, लेकिन बात समस्या की हो रही है तो ये जगज़ाहिर है कि समस्या पहले से भी बदतर हो चुकी है। यहां आपको ये भी बता दे कि पुरानी गंगनहर पर बने तमाम पुल अपनी मियाद पूरी कर चुके है, लगभग 100 साल की मियाद वाले ये पुल 170 साल अपने ऊपर राहगीरों का आवागमन झेल चुके है और एक एक करके अब ये पुल क्षतिग्रस्त होते जा रहे है, लगभग ढाई साल पहले पिरान कलियर पुरानी गंगनहर का पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके चलते पुल पर भारी वाहनों का आवागमन बन्द कर दिया गया था, और हाल ही में लगभग दो माह पूर्व धनौरी पुरानी गंगनहर का पुल क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसपर भी भारी वाहनों की आवाजाही को बन्द कर दिया गया था,लेकिन धनौरी के पुल को एक माह के भीतर मरम्मत करके चालू करा दिया गया, जिसपर वर्तमान में भारी वाहनों की आवाजाही शुचारु है, लेकिन ढाई साल पहले क्षतिग्रस्त हुए कलियर पुरानी गंगनहर का आज भी क्षतिग्रस्त है, आज भी कलियर पुरानी गंगनहर के पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद है, जसके पीछे लापरवाही किसकी है ये सब जानते है, दोहरी नीति वाले जनप्रतिनिधियों और सम्बंधित विभाग के अधिकारी की लापरवाही के चलते आजतक कलियर पुरानी गंगनहर के पुल की मरम्मत नही हो पाई, बात स्थानीय लोगो की करे तो वो भी इन गम्भीर समस्या पर ख़ामोश है, जबकि बरसात का मौसम शुरू हो चुका है, और पुल पर जलभराव सबसे अधिक खतरे वाली बात है, लेकिन जनप्रतिनिधियों, स्थानीय कथित नेताओ, व स्थानीय निवासी और सम्बंधित विभाग के चलते पुल जमीदोंज होने की कगार पर है,, इल्ज़ाम अगर लगाए जाए तो कुछ लोग नाराज़ हो जाते है, इसी लिए में ये साफ कहता हु, कि *”अन्धे निकालते हैं मेरी खबरों में नुक़्स,,और बहरों को ये शिकायत है मैं ग़लत बोलता हूं,,,*

उत्तराखंड