*ठेकेदारों व दरगाह कार्यालय स्टाफ की सांठगांठ के सामने बेबस वक्फ बोर्ड व जिला प्रशासन*
पिरान कलियर(शाहरुख चौधरी)
*हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद ठेकेदारों पर लगभग आठ करोड़ का बकाया वसूलने में नाकाम जिला प्रशासन*
*पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक की सभी प्रबन्ध व्यवस्थायें वर्ष 2012 से जिला प्रशासन व वक्फ बोर्ड मुख्य कार्यपालक अधिकारी के हाथों में निहित हैं।जबकि फिलहाल वक्त की बात करें तो दोनों ही पदों पर ईमानदार आई ए एस अधिकारी होने के बावजूद यहां पर ठेकेदारों व दरगाह कार्यालय स्टाफ की जुगलबंदी से व्यवस्थाएं सुधरने के बजाय दम तोड़ रही है।इस गठजोड़ के कारण ही समय समय पर जिला प्रशासन व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दरगाह प्रशासक द्वारा अमल में लायी जाने वाली कार्यवाहियां भी दरगाह दफ्तर में आकर दम तोड़ती नजर आ रही है।जिसका जीता जागता उदाहरण है कि वर्ष 2018-19 के वार्षिक ठेको के कुछ ठेकेदारों से मिलीभगत कर कार्यालय स्टाफ ने उनके द्वारा दिये गए जमानती चेको को खाते में न लगाकर दरगाह का करोड़ो रूपये अपनी अवैध कमाई करने में हजम करवा दिया गया है।जबकि ठेकेदारों से शर्तो के अनुसार इसलिये ब्लेंक चेक लिये गए थे कि ठेकेदार पर यदि बकाया रकम समय से नही दी गयी तो चेक बाउंस कराकर क़ानूनी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी ओर उसका ठेका निरस्त कर दिया जाएगा,लेकिन हुआ उल्टा ठेकेदार समय भी पूरा 31 मार्च तक पूरा कर गए ओर स्टाफ की सांठगांठ से दरगाह का करोड़ो रूपये हजम करने में सफल रहे।दरगाह कार्यालय स्टाफ द्वारा अधिकारियों को गुमराह कर अपना उलू सीधा करने का काम जोरो पर है।दरगाह कार्यालय की जुगलबंदी के कारण ही वर्ष 2009 से वर्ष 2019 तक लगभग 8 करोड़ रुपया ठेकेदारों के द्वारा हजम कर दरगाह की आय को हर साल नुकसान पहुंचाया जा रहा है।जिसको लेकर दरगाह अकीदत मन्द रुड़की निवासी उमर ने माननीय हाइकोर्ट नैनीताल में रीट पेटिशन 196/16 दाखिल कर गुहार लगाई थी कि दरगाह के दान के पैसे की बन्दरबांट व वार्षिक ठेको के बकाया रकम जमा करने के आदेश किया जाना दरगाह हित में होगा।हाइकोर्ट नैनीताल की डबल बेंच ने 05/09/18 को जिला अधिकारी हरिद्वार से सेक्शन 82 के अंतर्गत कार्यवाही कर समस्त बकाया राशि तीन माह में वसूल करने के आदेश दिये गए थे।परंतु दरगाह कार्यालय इस तरह के किसी भी आदेश को फाइलों में ही दबाकर सांठगांठ कर अवैध धन कमाई में लगा हुआ है।