*दरगाह कार्यालय,नगर पंचायत व ठेकेदारों की सांठगांठ से करोड़ो के ठेको की नीलामी तीसरी बार निरस्त , दरगाह की आय का बड़ा नुकसान।*
पिरान कलियर!
अनवर राणा!
*दरगाह दफ्तर स्टाफ और ठेकेदारों व नगर पंचायत की सांठगांठ के चलते मात्र 33 टेंडर सम्बंधित ठेको को लेकर ठेकेदारों द्वारा 3 सितम्बर तक खरीदे गए थे लेकिन टेंडर पेटी में एक भी टेंडर नही डाला गया ।जिसके पीछे खरीदने वालों की ठेकेदारों से सांठगांठ की चर्चा हो रही है।इसी सांठगांठ के चलते पिछले वर्ष समय अवधि पूरी कर कुछ ठेकेदारों ने भी आज तक दरगाह का बकाया पैसा जमा नही किया।*
*हद तो तब हो गयी जब अधिकारियों ने सभी ठेकेदारों से 2018-19 के ठेको की बकाया रकम समय पर जमा करने के लिये दो दो ब्लेंक चेक भी जमा कराए थे।लेकिन दरगाह दफ्तर के कर्मचारियो की मिली भगत से न तो समय पर चेक लगाए गए ओर ना ही ठेकेदारों के ठेके समय रहते निरस्त किये जा सके है।*
*जिससे दरगाह की आय को बड़ा नुकसान दरगाह कार्यालय स्टाफ के द्वारा अवैध कमाई करने की नीयत से जानबूझकर दिया गया है।दरगाह के आज होने वाले ठेके भी सांठगांठ व मिलीभगत के कारण नही हो सके है।दरगाह दफ्तर स्टाफ व ठेकेदार एक बार फिर अपने मनसूबे में कामयाब हो गये है।ओर तीसरी बार भी ठेको की नीलामी निरसत करनी पड़ी है। लेकिन उस समय से लेकर आज तक ठेकेदारों और दरगाह दफ्तर वालो ने अपने* *उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए आचारसहिंता का बहाना बनाते हुए उक्त ठेकों को बिना सिक्योरिटी के ही डेलीबेसिस पर दे रखे है। और जब आचार सहिंता समाप्त हुई तो ठेकेदारों और दरगाह दफ्तर वालो ने सांठगांठ कर ठेकों को ऐसे ही चलाए जाने का मंसूबा तैयार किया।*
*क्योंकि ठेकेदार ओर दरगाह दफ्तर वाले जानते है की एक ठेके पर कम से कम 3 टेंडर खरीदे जाने अनिवार्य है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ठेकेदार टेंडर क्यों खरीदना नही चाहते, जवाब एक दम स्पष्ट है, दरगाह दफ्तर और ठेकेदार सांठगांठ कर चुके है, कुछ ठेके*
ठेकेदारों को बहुत कम रेट पर डेलीबेसिस पर ठेके दिए गये है वो भी बिना सिक्योरिटी जमा किए, ऐसे में ना तो ठेकेदारों को दिक्कत है और ना ही दरगाह दफ्तर वालो को, नुकसान सिर्फ दरगाह की आय को है।लेकिन एक बात साफ है दरगाह दफ्तर वाले अपने
उच्चाधिकारियों मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड व दरगाह प्रशासक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की जो दोनों ही अधिकारी आई ए एस हैं दरगाह के मामलों में अच्छा खासा गुमराह कर अवैध कमाई कर रहे है।
क्योंकि जवाब देही उन्ही दोनों आई ए एस अधिकारियों की है।