ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा अवैध धन उगाही के मामले में हटाये गये दस कर्मचारियों की दोबारा दरगाह प्रबंधन ने फाइल तैयार कर बहाली के पुनः तेज किये प्रयास*

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा अवैध धन उगाही के मामले में हटाये गये दस कर्मचारियों की दोबारा दरगाह प्रबंधन ने फाइल तैयार कर बहाली के पुनः तेज किये प्रयास*

*ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा अवैध धन उगाही के मामले में हटाये गये दस कर्मचारियों की दोबारा दरगाह प्रबंधन ने फाइल तैयार कर बहाली के पुनः तेज किये प्रयास*

पिरान कलियर!
अनवर राणा!

*दस भक्षक रक्षकों को बहाल कराने दरगाह कार्यालय स्टाप की सांठगांठ हुई जगजाहिर*
उत्तराखंड वक्फबोर्ड की सबसे अधिक आय वाली दरगाह को नुकसान पहुँचाने का जो मंसूबा दरगाह दफ्तर और कर्मचारियों ने मिलकर बुना है वो अब जगज़ाहिर होने लगा है,सबसे दिलचस्प बात यह है कि जिन दस कर्मचारियों की नियुक्ति फाइल को दरगाह कार्यालय से तैयार करके प्रबंधक के पास स्वीकृति लेने के लिये उनके घर सोमवार को भेजा गया उस फाइल को तैयार करने के एवज में दरगाह दफ्तर स्टाफ ने हटाये गए दस कर्मचारियों से पच्चास हजार रुपये प्रति व्यक्ति धन अधिकारियों को देने के लिये प्राप्त कर लिया गया है ऐसी चर्चा भी कर्मचारियों में होती देखी गयी है।क्योंकि इन दस कर्मचारियों में कुछ लोग निहत गरीब भी है जिन्होंने कोई रकम न होने का हवाला देकर रकम देने से बिल्कुल मना कर दिया है ओर कुछ जो कर्मचारी नोकरी में रहकर मजार पर खड़ा होकर अवैध धन उगाही का फंडॉ जानते है उन्होंने ही पूरी भरपाई कार्यालय स्टाफ की कर फाइल को सुपरवाइजर की रिपोर्ट लगवाकर अब प्रबंधक व अधिकारियों की तरफ बढ़ाने का काम भी शुरू कर दिया है।लेकिन नये प्रबंधक ने फाइल को सोमवार को यह कहकर वापिस कर दिया कि पहले में इस बारे में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से वार्ता करूँगा तभी इस फाइल पर अपनी रिपोर्ट लगाऊंगा यह चर्चा भी कर्मचारियो में मंगलवार के दिन उठती रही।अब देखना यह है कि दो आई ए एस अधिकारियों मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड अहमद इक़बाल ओर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नितिका खण्डेलवाल को दरगाह कार्यालय स्टाफ भृमित कर इन अवैध कमाई करने व जायरीनों से लूट खसोट करने वाले दस कर्मचारियो की पुनः बहाली करा पाएंगे या नही यह एक बड़ा सवाल है।क्योंकि स्वयम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने इन कर्मचारियों की सी सी टी वी फुटेज की जांच कराकर इन दस कर्मचारियो को दोषी पाते हुवे नोकरी से निलंबित कर इनकी दो माह पूर्व हाजरी बन्दकर रिपोर्ट जिला अधिकारी व वक्फ बोर्ड सी ई ओ को भेज दी गयी थी।अब यह भी देखने वाली बात होगी कि इन दरगाह दफ्तर के स्टाफ की सांठगांठ क्या गुल खिलाएगी या फिर इनके द्वारा निलंबित कर्मचारियो से अवैध धन इकट्ठा कर बहाल कराने की जांचकर कोई कार्यवाही अमल में लायी जाएगी जिस कारण दरगाह कार्यालय स्टाफ ने पुनः बहाली की फाइल तैयार कर इनकी तैनाती का मंसूबा बनाया हुआ है।ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने दस उन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था जिनकी वीडियो किलिपिंग भी दरगाह दफ्तर के ही आदमी ने ज्वाइंट को दी थी ओर उसमे दरगाह कर्मचारी खुल्लमखुल्ला जायरीनों से अवैध धन उगाही करते पाया जाना बताया गया था।अब दरगाह दफ्तर की सांठगांठ कहे या कर्मचारियों की पहुंच का नतीजा जो मुहँ की लगी छूटने के नाम नही ले रही है।ओर दरगाह की आय को दोहरा नुकसान दरगाह कार्यालय की सांठगांठ से पहुंचाया जा रहा है।जानकारी के अनुसार दस हटाये गए दरगाह कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ने जिला अधिकारी हरिद्वार व मुख्यकार्यपालक उत्तराखंड को अपनी रिपोर्ट भेज रखी है। इसलिये क्षेत्र में चर्चा हो रही है कि तीनों आई ए एस अधिकारियों के आदेशों को भी दरगाह दफ्तर स्टाप के सामने कोई मायने नही रखते।दरगाह दफ्तर वाले अपने
*उच्चाधिकारियों मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड व दरगाह प्रशासक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की जो दोनों ही अधिकारी आई ए एस हैं दरगाह के मामलों में अच्छा खासा गुमराह कर रहे है, क्योंकि जवाब देही उन्ही दोनों आई ए एस अधिकारियों की है।*

उत्तराखंड