कथित सेवादारों ने दरगाह साबिर पाक को ही बताया किरायेदार गजब,,,

कथित सेवादारों ने दरगाह साबिर पाक को ही बताया किरायेदार गजब,,,

अंधो के शहर में बिकते आइने

जिस दरगाह साबिर पाक की रोशनी से दुनिया मे होता उजाला ,जिसकी रोटी खाते जिसके मकान में रहते है,उसी पर कथित सेवादारों का लाखो किराया गजब ,,,

वक्फ बोर्ड में दर्ज अब्दाल शाहब व बाबा जिलानी की दरगाह पर कथित सूफियों का कब्जा,जायरीनों की आस्था से कर रहे खिलवाड़,दरगाह की आय को नुकसान

रुड़की/कलियर(अनवरराणा)

पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक ,इमाम साहब,किलकिलिशाह,अब्दलशाहह,बाबा जिलानी की दरगाह आदि वक्फ बोर्ड में दर्ज होने के बावजूद भी वक्फ बोर्ड की मिली भगत से इन दरगाहों में से तीन अन्य दरगाह पर कुछ वक्फ माफियाओ का कब्जा आज भी बादस्तूर चला आ रहा है। मजेदार बात यह है कि इन दरगाह को वक्फ बोर्ड में दर्ज हुवे कई वर्ष बीतने के बावजूद यहां की प्रबंध व्यवस्था दो कथित सूफी घरानों ( बाहरी लोगों) में निहित है।*
ऐसा भी नही कि वक्फ बोर्ड उत्तराखंड में दर्ज इन सभी दरगाहों पर वक्फ बोर्ड को कब्जे लेने का मौका ना मिला हो लेकिन अवैध वसूली व सांठगांठ के चलते वक्फ बोर्ड कार्यालय में बैठे कुछ करिन्दों ने बोर्ड अधिकारियों को कलियर के मामले में हमेशा गुमराह ही नही किया बल्कि यहां की दरगाह की अचल सम्पति को लेकर चल रहे मुकद्दमों की प्रोकारी में भी लापरवाही ही बरतते हुवे समय पर कोई कार्यवाही न करने से सम्पति का एकपक्षीय मलकाना हक एक भूमाफिया सेवादार परिवार को मिलता चला गया ओर दरगाह की हजारों बीघा वक्फ सम्पति बिकती चली गयो वक्फ बोर्ड कारिंदे चन्द चांदी के सिक्कों की खनक में लकीर पीटते रहे।जिससे दरगाह को करोड़ो रूपये का नुकसान व अब वार्षिक उर्स सम्पन कराने के लिये भी जमीन की परेशानी का सामना करने पर मजबूर होना पड़ेगा।बुधवार को जिला अधिकारी हरिद्वार द्वारा शासन के निर्देश पर चककबन्दी अधिकारियों ,ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की ,वक्फ सी ई ओ उत्तराखंड के साथ इस मामले पर बैठक की गई।बैठक में
भूमाफियाओं द्वारा मांग की गयी कि दरगाह ने अपनी ही जमीन जिसका मुकद्दमा मालिकाना हक को लेकर हाइकोर्ट के आदेश पर जिला बंदोबस्त अधिकारी दिवान सिंह नेगी की कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है,उस जमीन का किराया दरगाह साबिर पाक पर ही बताकर उसकी बोडरी वाल की मांग की है ।जिसको लेकर दरगाह अक़ीददत मन्द लोगो मे होना लाजिमी हो गया है ।जबकि अभी मुकदमा जिला बन्दोदस्त अधिकारी चकबन्दी में जमीन को लेकर मालिकाना हक तय होना विचाराधीन चल रहा।तो यह कहना सेवादारों का की हमारी जमीन का किराया दरगाह कार्यालय पर पेंडिंग है जिसको लेने की मांग भी हर साल होती रही लेकिन मुकद्दमा होने के कारण कुछ भी सम्भव नही था और नही अभी भविष्य समभाव दिख रहा है ।लेकिन कथित भूमाफिया दरगाह की हजारों बीघा जमीन को बेचने के बावजूद भी रुकने का नाम नही ले रहे है ।अब उर्स (मेला) वाली भूमि को हथियाने का नया आग अलाप कर जिला प्रशासन को गुमराह कर रहे है जिसमे कुछ दरगाह प्रशासन व वक्फ बोर्ड के करिन्दों की भी संलिप्तता को मना नही किया जा सकता।
ऐसे में इन दरगाहों से जायरीनों द्वारा प्राप्त होने वाली आय से इन फर्जी रहबरों व सूफियों ने अपनी हसरत पूरी करने का धंधा बनाया हुआ है,ओर वक्फ बोर्ड व दरगाह प्रशासन मुक़दरसक बना हुआ है।
ऐसा भी नही की यहां पर किसी सूफी ने साबिर पाक के नक्शे कदम पर जिंदगी गुजार कर यहां के उत्थान और विकास को अमली जामा पहनाने में आज तक कोई योगदान दिया हो बल्कि उल्टे दरगाह साबिर पाक की जमीनों को कब्जाने और चल अचल सम्पति को ही हमेशा नुकसान पहुंचाने के काम को अंजाम दिया जाता रहा है। हालांकि मेरा नजरिया किसी की आलोचना या बुरे करने जैसा नही है बस यहां के जनप्रतिनिधि हो या फिर कथित साबिर के चाहने वाले लोग एक योगदान तो सिर्फ यहां पर नए नए संगठन व ट्रस्ट बनाकर यहां पर आने वाले बाहर से आस्थावान लोगो के साथ ठग्गी करने तक ही महदूद नजर आ रहा है ।जबकि इन कई दर्जन कथित सूफियों,कथित मिंया बनने वाले लोगो के पास साबिर पाक के नाम पर खर्च करने को फूटी कौड़ी भी नही बल्कि यहां पर वक्फ बोर्ड में दर्ज दरगाहों पर कब्जा कर या संगठन,ट्रस्ट,आदि बनाकर उल्टे दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने के कार्यो को अंजाम पहुंचना भर से हैं उससे अधिक कुछ नही है।अब देखना होगा कि इन लुटेरों व जालसाज लोगो के खिलाफ वक्फ बोर्ड व दरगाह प्रशासन कार्यवाही कर पाता है या नही

उत्तराखंड