पूर्व वक्फ बोर्ड सी ई ओ को भृमित कर प्रदेश की वक्फ प्रोपर्टीयो व आय को नुकसान पहुंचाने में वक्फ निरक्षक मोहम्मद अली का बड़ा योगदान।*

पूर्व वक्फ बोर्ड सी ई ओ को भृमित कर प्रदेश की वक्फ प्रोपर्टीयो व आय को नुकसान पहुंचाने में वक्फ निरक्षक मोहम्मद अली का बड़ा योगदान।*

वक्फ बोर्ड कार्यालय में तैनात कुछ जयचंदो, भ्रष्ट व चर्चित वक्फ निरीक्षक की सांठगांठ व संलिप्ता से दरगाह साबिर पाक की मेला जमीन को खुर्दबुर्द करने के मामले की चर्चा जोरों पर

पूर्व वक्फ बोर्ड सी ई ओ को भृमित कर प्रदेश की वक्फ प्रोपर्टीयो व आय को नुकसान पहुंचाने में वक्फ निरक्षक मोहम्मद अली का बड़ा योगदान।

दरगाह अक़ीदत मन्द लोगो की मांग मोहम्मद अली के साथ ही कलियर दरगाह के भ्र्ष्टाचार व आय की 2012 से अब तक की मुख्यमंत्री कराये एस आई टी जांच

पिरान कलियर।

पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक की वक्फ सम्पत्ति को लेकर अनेक मुकद्दमे वक्फ बोर्ड की हीलाहवाली व सांठगांठ के चलते दरगाह इसलिये नही हारी कि वो दरगाह या वक्फ की सम्पति नही थी बल्कि वक्फ बोर्ड में बैठे कुछ जयचंदो द्वारा अवैध कमाई के चलते सबूतों को समय पर अदालत में जमा नही करने व फाइल का रैशट्रोरेशन डालने में समय अवधि निकलने व समय पर पैरोकारी न करने से दरगाह जमीनों के कई मुकद्दमे हार चुकी है और दरगाह की हजारों बीघा जमीन वक्फ बोर्ड के जयचन्दों ने बिकवाने के काम को अंजमे दिया है। ताजा मामला उर्स की जमीन से सम्बंधित है। जिसको खुर्दबुर्द कराने का घटनाक्रम इन जयचन्दों ने इस प्रकार शुरू किया था कि 9 नवम्बर 2018 को सी ई ओ वक्फ बोर्ड अलीम अंसारी ने शासन को रिपोर्ट दी थी की 79/4 यानी नया नम्बर-164 जिसका मुकदमा न0- 481/ 2006 चकबन्दी में विचाराधीन है। जबकि पुराने तीन नम्बर पर मुकद्दमा आज भी बादस्तूर चल रहा है यह थी वक्फ बोर्ड और मिया लोगो की बीच की सांठगांठ। इसी रिपोर्ट के हवाले से शासन ने जिला अधिकारी हरिद्वार को निर्देशित किया कि सम्बंधित पक्ष के लोगो को बुलाकर एक बैठक कर जमीन की निशादेही की मांग पर कार्यवाही की जाए। रोशनाबाद कलेक्ट्रेट में बैठक में उपस्थित दरगाह प्रशासन की ओर से टायपिस्ट व वक्फ बोर्ड की ओर से वक्फ इंस्पेक्टर अपना पक्ष भी सही नही रख पाए क्योंकि वक्फ बोर्ड के पास शासन के आदेश पर जिला प्रशासन द्वारा कराई गयी पिछले महीने पैमाइश रिपोर्ट की कोई कॉपी भी मौजूद नही थी ओर ना ही पैमाइश के समय जिला प्रशासन ने वक्फ बोर्ड व दरगाह प्रशासन को इस में सम्मिलित किया था । इस तरह से बहुत पहले से वक्फ बोर्ड से सांठगांठ के चलते दरगाह की वक्फ की जमीन को सज्जादा परिवार से मिलकर वक्फ बोर्ड बिकवाता चला आ रहा है। यही हाल इस उर्स वाली जमीन को भी खुर्द बुर्द करने की सेटिंग वक्फ कार्यालय में बैठा चर्चित व सेटिंग बाज इंस्पेक्टर मोहमद अली के द्वारा सी ई ओ अब्दुल अलीम अंसारी से सेटिंग कराकर 09/11/2018 को सिर्फ नए खतौनी नम्बर 164 को ही दर्शाते हुए स्वय की रिपोर्ट जो शासन को सी ई ओ के हस्तरक्षित भेजी गयी थी कि सिर्फ 79/4 पर ही 2006 से हाइकोर्ट अब चकबन्दी न्यायालय हरिद्वार में मुकद्दमा विचाराधीन है जबकि उक्त वाद उर्स वाली पूरी भूमि पर आज भी चल रहा है, तो इस बात से सब कुछ घटना क्रम स्पष्ट होता है कि आज से नही पूर्व से ही अवैध कमाई के चक्कर में वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली अधिकारियों को भ्रमित कर अवैध कमाई करता चला गया जिसकी चर्चा दरगाह अक़ीदत मंद लोगो मे जोर पकड़ती जा रही है की वक्फ सम्पत्ति लोगो के द्वारा बेची जा रही है ।अब देखना यह है कि आई ए एस सी ई ओ अहमद इकबाल भी इस सेटिंग बाज कर्मी की चाल व छल को पकड़ पाते है या यह अपनी चाल में दरगाह की मेला वाली जमीन को भी पूर्व की भांति बिकवाने में कामयाब हो जाएगा यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

उत्तराखंड