बिल्किस बानो के दोषियों को सलाखों के पीछे भेजकर सर्वोच्च न्यायालय ने किया सराहनीय कार्य
(देशराज) रुड़की। फलाही तंजीम ने राष्ट्रीय मानव अधिकार तथा सर्वोच्च न्यायालय की बिल्कीस बानो प्रकरण में न्याय मिलने पर प्रशंसा की है। राष्ट्रीय पदक शमशुल हसन सैफी ने कहा कि 17 वर्ष के बाद ही सही बिल्किस बानो के दोषियों को सलाखों के पीछे भेजकर सर्वोच्च न्यायालय ने बहुत सराहनीय कार्य किया है। इस प्रकरण में बिल्किस बनो को 50 लाख का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी का आदेश एक बेमिसाल नजीर बन गया है। गुजरात सरकार की पैरवी कर रहे सॉलीसीटर तुषार मेहता द्वारा इस प्रकरण के फैसले के विरोध में ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगाने पर आश्चर्य व्यक्त किया गया। क्योंकि पीड़िता के परिवार के 14 15 लोगों को मार दिया गया था। उसकी बेटी की हत्या कर दी गई थी साथ ही उसके साथ 2 बार बलात्कार किया। संयुक्त सचिव जमीर अहमद ने ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेंस एसएससीएन की भूमिका की सराहना की है जिसके हस्तक्षेप तथा लंबे संघर्ष के परिणाम स्वरुप यह संभव हुआ है। उपाध्यक्ष इंजीनियर इम्तियाज अली, राष्ट्रीय महासचिव रिजवान कौशर, नगर अध्यक्ष नसीम चांद, अजहर कादरी, हाजी शराफत अली, डॉक्टर अब्दुल रऊफ, नोशाही, एहसान पुहाना, अब्दुल मलिक, रईस लोको पायलट, कारी शमीम रहमानी, युसूफ, सारिक नियाजी आदि मासिक बैठक में उपस्थित रहे।