रामलीला मंचन का छठवां दिवस, सूपर्णखा  नाशिका छेदन

रामलीला मंचन का छठवां दिवस, सूपर्णखा नाशिका छेदन

रामलीला मंचन का छठवां दिवस, सूपर्णखा नाशिका छेदन

(देशराज) रुड़की। आदर्श शिवाजी नगर मैं चल रही राम लीला मंचन का छटवें दिवस का उद्घाटन श्री जिला पंचायत सदस्य ढंडेरा बबलू वीरेंद्रराणा, विनोद क‌क्त्वान, युद्धवीर सिंह जग्गी ने फीता काटकर किया। भारत शत्रुघ्न व तीनों माताये राम को वन में मिलने जाते हैं और वापस अयोध्या लौटने को कहते हैं ,राम पिता की आज्ञा एवं मर्यादा का हवाला देते हुए उन्हें वापस भेज देते हैं, भारत रामचंद्र जी के खड़ाऊ लेकर अयोध्या लौट आते हैं , वन में सूपणखा राम व लक्ष्मण से विवाह का आग्रह बार बार करती है तंग आकर लक्ष्मण सूपणखा की नाक काट देते हैं ।खर दूषण को सूपणखा राम-लक्ष्मण की करतूतों के बारे में बताती है तो वे राम लक्ष्मण को मारने जाते पर स्वयं मर जाते हैं रावण मामा मारीच को मग हिरण का वेश बनाकर पंचवटी भेजते हैं मग हिरण छाला की जिद सीता राम से करती है राम हिरण का पीछा करते दूर चले जाते हैं। है लक्ष्मण हाय लक्ष्मण की आवाज सीता व लक्ष्मण के कानों में पढती है सीता लक्ष्मण को राम की मदद हेतु भेजते इसी दौरान रावण साधु वेश में सीता का हरण करते हैं इसी के साथ छटवें दिवस की रामलीला का पाटापेश हो जाता है इस अवसर पर कलाकार गौर सिंह भंडारी, जगमोहन सिंह रावत,रोहित सिंह रावत, मोहित सिंह नेगी, सौरब लखेडा, मोहित सिंह रावत, अभी नयाल, अकाश पवार, रितिक नेगी, गौरव कुकरेती, साहिल कंडारी, विजय रावत, दिव्यांशु थपलियाल, अर्जुन सिंह नेगी, शिशुपाल सिंह बिष्ट, हीरा सिंह गुसाईं, महावीर प्रसाद डोवाल, सतीश चंद कुकरेती, राजेंद्र सिंह रावत, जय सिंह नेगी, लक्ष्मण सिंह, रामलाल, जयवीर सिंह रावत, श्याम सिंह पवार, रविंद्र सिंह पवार, बच्ची राम, रंजीत सिंह रावत, राजेंद्र सिंह पवार, धर्मानंद भट्ट, विजय सिंह पवार, सतीश नेगी आदि रामभक्त उपस्थित रहे।

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