न्यायालयों में विचाराधीन दरगाह जमीन की हदबन्दी को लेकर बार बार सेवादारों द्वारा जिला प्रशासन को किया जा रहा भृमित,,,प्रशासन की टीम विरोध के चलते लोटी बेरंग,,,,,।

न्यायालयों में विचाराधीन दरगाह जमीन की हदबन्दी को लेकर बार बार सेवादारों द्वारा जिला प्रशासन को किया जा रहा भृमित,,,प्रशासन की टीम विरोध के चलते लोटी बेरंग,,,,,।

न्यायालयों में विचाराधीन दरगाह जमीन की हदबन्दी को लेकर बार बार सेवादारों द्वारा जिला प्रशासन को किया जा रहा भृमित,,,प्रशासन की टीम विरोध के चलते लोटी बेरंग,,,,,।
रुड़की।
अनवर राणा।
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक की वक्फ जमीन को असली तथ्य छिपाकर अपने नाम दर्ज कराने में महारथ हासिल करने वाले कथित गद्दीनशीन सेवादार परिवार ने वक्फ बोर्ड के पुराने कारिंदों से मिलकर सेकड़ो बीघा जमीन पूर्व में ही मुकद्दमों के विचाराधीन होते हुवे वख्फ के कारिंदों से मिलीभगत करके एकपक्षीय जीत दर्शाकर बेचकर खा ली है।मगर जब उक्त जमीन के भूखे भेडियो की नजर दरगाह साबिर पाक के वार्षिक उर्स लगने वाली जमीन को बेचने पर लगी तो दरगाह साबिर पाक के आस्थावान लोगो ने न्यायालयों से लेकर स्वयम मोके पर इस जमीन को बेचने का विरोध करना शुरू कर दिया है।आस्थावान लोगो का तर्क है कि साबिर का लंगर खाने वाले व साबिर की इमारतों में रहकर सन्त कहलाने वालो पर आखिर यह वख्फ की जमीन कैसे पहुंची क्या इनका लगा सगा कोई जमीदार था जिसकी विरासत या बैनामा इनके परिवार के नाम करके गया था।लेकिन आज भी चार न्यायालयों में इस जमीन के मुकद्दमे विचाराधीन होने के बावजूद कोई तर्क कथित गद्दीनशीन परिवार के द्वारा नही दिया जा रहा है।बल्कि उल्टे शासन से लेकर जिला प्रशासन को भृमित कर उर्स लगने वाली जमीन की हदबन्दी कराकर बेचने पर तुले हुवे है।आज ब्रहस्पतिवार 3 सितंबर 2020 को भी चकबन्दी सी ओ ओर हल्का लेखपाल की टीम उक्त विवादित जमीन की हदबन्दी करने कलियर पहुंची थी लेकिन दरगाह आस्थावान लोगो की जागरूकता से प्रशासन की टीम बेरंग वापिस पहुंच चुकी है।अब देखना यह है कि उक्त विवादित जमीन की न्यायालय जिला बन्दोबस्त अधिकारी के यहां पेंडिंग प्रकिर्या को अधिकारी गुणदोष के आदर पर सुनते हेय ऐसे ही व्यक्ति विशेष के कहने प्रशासन भृमित होता रहेगा।

उत्तराखंड