विधायक,पूर्व विधायक व कुछ पूर्व प्रधानों की दरगाह साबिर पाक में आस्था , लेकिन उर्स की जमीन बचाने में कोई आस्था नही होने की चर्चा जोरो पर,,,।*

विधायक,पूर्व विधायक व कुछ पूर्व प्रधानों की दरगाह साबिर पाक में आस्था , लेकिन उर्स की जमीन बचाने में कोई आस्था नही होने की चर्चा जोरो पर,,,।*

*विधायक,पूर्व विधायक व कुछ पूर्व प्रधानों की दरगाह साबिर पाक में आस्था , लेकिन उर्स की जमीन बचाने में कोई आस्था नही होने की चर्चा जोरो पर,,,।*
रुड़की।
अनवर राणा।
विश्व विख्यात दरगाह साबिर पाक को देश ही नही विदेशो तक हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई सभी धर्मो सम्प्रदायों की जनता मानती है ओर अपनी अपनी मुरादे लेकर मन्नत मांगते है।लेकिन बड़े ही ताज्जुब की बात यह है कि साबिर साहब के वार्षिक उर्स की जमीन भी भूमाफियाओं के साथ मिलकर कथित दरगाह के सज्जादा परिवार ने जिला प्रशासन व शासन को भृमित कर बेचने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है।ऐसे हालात में दरगाह साबिर पाक में आस्था रखने का ढोंग रचकर यहां की जनता पर राज चलाने वाले व या यूं कहे राज चलाने का मनसूबा रखने वाले वर्तमान विधायक हाजी फुरकान,पूर्व विधायक हाजी सहजाद व नगर पंचायत क्षेत्र के कुछ पूर्व प्रधानों जिनमे बड़े नाम व नगर पंचायत चेयरमैन पद के प्रबल प्रतियासी रहे मुक़र्बपुर के प्रधान अकरम अली,बेडपुर के प्रधान शाह इरफान,हाजी रईश अहमद,आरिफ व कलियर के प्रधान सलीम अहमद,हाजी इरफान कुरेशी,पूर्व चेयरमैन जिला पंचायत नाजिम कुरेशी तथा महमूदपुर के पूर्व प्रधान यासीन आदि जनप्रतिनिधियो की इस पूरे मामले में चुप्पी व दरगाह जमीन बचाओ समिति से किनारा करने की चर्चा लोगो की जुबान पर सुनाई दे रही है।जबकि गौरतलब बात यह है कि उक्त सभी छोटे बड़े जनप्रतिनिधि नगर पंचायत क्षेत्र के वोट को कब्जे में करने के लिये समय समय पर दरगाह में चादर पोशी व हाजरी लगाने का ढोंग रचकर जनता को लुभाने का पूरा प्रयास करते है ,अब जब दरगाह पर वार्षिक उर्स की जमीन भी नही बचेगी तो यहां के रोजगार को भी ठेंस पहुंचना लाजमी है ओर सभी जनप्रतिनिधि दरगाह जमीन बचाओ समिति से किनारा कर तमाशबीन बनकर देख रहे है।कुछ लोगो का तो कहना यह भी है कि घड़याली आंसू बहाकर झूठी आस्था दिखाकर विधायक,पूर्व विधायक आदि जनप्रतिनिधि आस्था जताकर सिर्फ भोलीभाली जनता का वोट प्राप्त कर मौज करने में ही आस्था रखते हैं।अब यह तो आने वाला समय ही बतायेगा दरगाह उर्स की जमीन भूमाफियाओं से बच पाएगी या नही लेकिन झूठी आस्था जताकर जनता को बेवकूफ बनाकर वोट प्राप्त करने वाले जनप्रतिनिधियो की चर्चा आस्थावान लोगो की जबान पर आम हो रही है।

उत्तराखंड