भाजपा की जीरो टोलरेंश सरकार को क्यों लगाया जा रहा पलीता,,,,।
इबादतगाह को लाला की दुकान समझकर दरगाह प्रशासन द्वारा स्वेच्छाचारिता से लिये जा रहे नियम विरुद्ध फैसलो की चर्चा जोरो पर ,,,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक दरगाह साबिर पाक की देखरेख व प्रबंध व्यवस्था 87/2011 जनहित याचिका अनवर जमाल काजमी बनाम उत्तराखण्ड राज्य आदि के आदेश पर जिला प्रशासन हरिद्वार के अधीन चली आ रही है।इस वख्फ दरगाह की आय करोड़ो रुपये वार्षिक होने के बावजूद भी यहां पर आने वाले जायरीनों को कोई ठहरने ,पीने के पानी,शौच आदि की व्यवस्था के लिये भी ठेकेदारों का शिकार होना पड़ता है,ओर ठेकेदार हर साल ठेको के नाम पर करोड़ो रुपये दरगाह के हजम करते जा रहे है।जबकि ठेकेदारों को वार्षिक ठेके देते समय प्रशासन द्वारा हेसियत व ब्लेंक चेक लेकर वार्षिक ठेके जमानत लेकर दिये जाते है लेकिन फिर भी जिला प्रशासन इन ठेकेदारों से पैसा वसूलने में तय समय सीमा के अंदर कामयाब नही हो पता ।क्योंकि प्रशासन ने दरगाह की आय को लाल की दुकान समझकर भ्र्ष्टाचार के चलते इस तरफ कोई ध्यान नही दिया है ओर प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये ठेको के नाम पर ठेकेदार हड़प करते जा रहे है।भ्र्ष्टाचार के कारण ही 2020-21के वार्षिक ठेके नही हो पाने से दरगाह को पुराने ठेकेदारों द्वारा दुकान लगाकर जानबूझकर नुकसान दिया जा रहा है ओर 2019-20 की बकाया रकम भी कार्यालय में अभी तक जमा नही की गयी है।यही नही कोरोना की रोकथाम के लिये उर्स2020 में करोड़ो के खर्च की चर्चा दरगाह आय से हो रही है जबकि उर्स में नाममात्र के दो चार सो टेस्ट स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा लिये गये है ।यही हाल उर्स की सफाई व्यवस्था का रहा है।दरगाह कार्यालय में 70 कर्मचारी व 7 सुपरवाइजर होने के बावजूद रिटायर ब्लॉक रुड़की कर्मी को दरगाह की आय से 30000 हजार रुपये प्रति माह पर accounttant के रूप में रखकर फर्जी बिल बोचर व फाइल तैयार करने की योजना की चर्चा हो रही है,जबकि एकाउंट का काम यहां नाममात्र का होने के कारण ,यही कार्य पहले से ही नियुक्त 6000 का सुपरवाइजर करता चला आ रहा है।दरगाह प्रशासन प्रदेश की जीरो टोलरेंश की सरकार को पलीता लगाने के हर वो कार्य करने पर आमदा है जिससे भाजपा की सरकार बदनाम हो ओर इन अधिकारियों की तिजोरी भर्ती रहे भले ही दरगाह की आय बंदरबांट होती रहे।हद तो यह है कि दरगाह के दान के पैसे से तनख्वाह लेकर दो या तीन पी आर डी डयूटी रुड़की कचहरी में दे रहे है।इन सब मामलों को लेकर दरगाह अक़ीददत मन्द लोग जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचकर दरगाह कार्यालय के भ्र्ष्टाचार को उजागर करेंगे,यहां यह कहना गलत नही होगा कि,,,
*ज़ुल्म के साये में लब खोलेगा कौन
हम भी चुप रहे तो फिर बोलेगा कौन*