केंद्र सरकार के दमनकारी कृषि बिल से आक्रोशित बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल का लिया फैसला,किसानों के साथ ही सपा ने पूरे देश मे धरना देकर किया किसानों की मांगों का समर्थन,,,।

केंद्र सरकार के दमनकारी कृषि बिल से आक्रोशित बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल का लिया फैसला,किसानों के साथ ही सपा ने पूरे देश मे धरना देकर किया किसानों की मांगों का समर्थन,,,।

केंद्र सरकार के दमनकारी कृषि बिल से आक्रोशित बॉर्डर पर डटे किसानों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल का लिया फैसला,किसानों के साथ ही सपा ने पूरे देश मे धरना देकर किया किसानों की मांगों का समर्थन,,,।
उत्तराखंड।
अनवर राणा
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बिना किसान संगठनों की राय मशविरा के देश भर के किसानों पर तीन काले कानून थोप दिये गये ,जिनके विरोध में पहले तो किसानों ने अलग अलग प्रदेश में रहकर ही केंद्र सरकार से तीनों बिलो को वापस लेने की मांग की।लेकिन केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार ने किसानों की मांगों को नजर अंदाज करते हुवे खारिज कर दिया।अब किसान संगठनों के मुख्याओ ने दिल्ली घेरने का एलान कर दिया। किसानों के द्वारा दिल्ली कूच के दौरान बॉर्डर पर केन्द्र की सरकार ने सभी किसानों पर पानी की बौछार ओर आंसू गैस के गोले बरसाए गये।परन्तु किसानों ने दिल्ली के चारो तरफ बॉर्डर पर ही धरना देने का एलान कर दिया।कई दौर की बात किसानों के साथ केन्द्र सरकार के मंत्रियों की अगुआई में किये जाने के बावजूद बात नही बनी ओर बात बेनतीजा ही रही।उसके बाद पहले तो किसानों ने भारत बंद , टोल प्लाजा फिरी, कर सरकार पर बिल वापस लेने का दबाव बनाया लेकिन भारत सरकार ने बिल वापस लेने से मना कर दिया तो आक्रोशित किसानों ने 14 दिसम्बर को एक दिवसीय भूख हड़ताल करने का धरना स्थल पर ही निर्णय लिया।आज सोमवार को बॉर्डर पर डटे किसानों ने सरकार की दमनकारी नीति व किसानों की बिना सहमति बने कृषि बिल के वापस लेने तक आरपार की लड़ाई लड़ने का फैसला लेते हुवे जगह जगह धरना प्रदर्शन करने का फैसला ले लिया है।अब देखना यह है कि केंद्र सरकार झुकती है या किसान वापस आते हैं।

उत्तराखंड