दरगाह प्रशासन की बिना अनुमति बाबा जिलानी की शिदरी व दरगाह पर सूफी मेहराज व गुर्गों का अवैध कब्जा,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक मजार शरीफ के चारो तरह बनी शिदरी जिनमे अक़ीददत मंद लोग इबददत किया करते थे आजकल अवैध कब्जा कर कथित सूफियों की निजी जागीर बन गयी है।इन्ही शिद्रियों में गद्दी बिछाकर यह कथित सूफी दूरदराज से आये साबिर पाक के आस्थावान भोलेभाले जायरीनों को फंसाकर अपना उल्लू सीधा करने के काम को अंजाम दे रहे है।दरगाह साबिर पाक में चराग व खिदमत करने वाले बाबा जिलानी को एक शिदरी मिली हुई थी।उनके इंतकाल के बाद उस शिदरी को दरगाह प्रशासन द्वारा अपने कब्जे में ले लिया गया था।लेकिन कुछ समय बाद ही अपनी दुकान बाबा जिलानी के नाम पर चमकाने वाले उनके दो मुरीदों में उनकी अचल सम्पति व विरासत का विवाद सुर्खियों में रहा।जिसके उपरांत जिलानी बाबा की दरगाह व खानकाह उत्तराखण्ड वख्फ बोर्ड में पंजिकृत हो गयी ।लेकिन हाफिज मेहराज ने उस दरगाह पर अपना कब्जा जमा लिया जो आज भी बादस्तूर अवैध कब्जा उसकी सांठगांठ के कारण चला आ रहा है।यही नही हाफिज मेहराज ने दरगाह की शिदरी पर दरगाह प्रशासन द्वारा लगाया गया ताला तोड़ कर कई वर्षों से अवैध कब्जाकर लिया गया है।उक्त खानकाह में अवैध कब्जा कर दरगाह साबित पाक में आने वाले जायरीनों से तंत्र मंत्र व अन्य प्रलोभन देकर ठग्गी की जा रही है।वख्फ की समाप्ति पर कब्जा करने की शिकायत भी गयी लेकिन किसी भी लालच वश आज तक वक्फ की प्रॉपर्टी को इन कथित सूफियों से कब्जा मुक्त कराने में दरगाह परशासन नाकाम ही रहा ।