कर्मचारियों को ठेकेदारों का शोपीस बनाकर प्रबंधक की लाखो रुपये प्रतिदिन की हो रही ठग्गी,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
*प्रबंधक की कार्यशैली पर शायर ने क्या खूब कहा :: जमीर बेचकर अमीर हो जाना , इससे बेहतर है फकीर हो जाना,,,।*
जिला प्रशासन द्वारा की जा रही देखरेख के चलते इन दिनों सीईओ वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त शिक्षक हारून अली प्रबंधक ने समयावधि पूरी होने पर पहले तो ठेकेदारों से डेढ़ करोड़ रुपये की बकाया राशि को बिना वसूली किये ए एसडीएम रुड़की व प्रशासन की टीम की मार्फ़त ठेकेदारों को बेदखल कर सभी ठेको को अपने कब्जे में लिया।ओर दरगाह की प्रतिदिन होने वाली 1.57 लाख की आमदनी को अधिकारियों को गुमराह कर 23 फरवरी 2021 से पुनः ठेकेदारों के आदमियों को ठेको पर बैठाकर 1 लाख रुपये की आय को चौपट कर अपनी जेबें भरकर 50 हजार रुपये से कम ही प्रतिदिन दरगाह के खातों में जमा किया जा रहा है।प्रबंधक की चालाकी देखकर हर आदमी आश्चर्यचकित तब होता है जब दरगाह का एक एक कर्मचारी शोपीस बनाकर ठेको पर बैठाकर ठेकेदारों द्वारा काम लिया जा रहा है।हालात यह है कि जिस ठेके के प्रतिदिन 7000 रुपये बनते है वहां से सिर्फ दरगाह खाते में 1000 व जिसपर 3000 हजार बनते है उस ठेके के 500 रुपये ही दरगाह खाते में जमा किये जा रहे है,ऐसा ही हाल शौचालय व जूता रखाई में हो रहा है।रही बात सोहन हलवा ठेके की तो वहां भी एक दुकान की जगह 6 दुकानों पर सोहन हलवा बिक़वाकर 26 फरवरी व 27 फरवरी के प्रतिदिन 12000 हजार ठेकेदारों से लेकर अपनी जेब मे डाला गया ओर अब दुकानों को बंद होना बताकर अधिकारियों को भृमित किया जा रहा है। इमाम साहब की प्रशाद की दुकान पर भी एक कर्मचारी की डयूटी दिखाकर बड़ा खेल खेला जा रहा है जिसकी जांच कराकर भृष्ट प्रबंधक पर गबन का मुकद्दमा दर्ज किया जाना चाहिये।सभी ठेको पर प्राइवेट आदमी बादस्तूर कार्य कर रहे है यदि कोई व्यक्ति किसी ठेके को ज्यादा रकम में लेने की एप्लिकेशन देता है तो उसको ज्वाइंट की अनुमति कराने की बात कहकर दरगाह को प्रतिदिन 1लाख रुपये का नुकसान प्रबंधक द्वारा एक हफ्ताह से दिया जा रहा है जिसकी जांचकर कार्यवाही होनी दरगाह हित में जरूरी है।