सिक्को की खनक के चलते वक्फ बोर्ड में बैठे वक्फ निरीक्षक का अजीब कारनामा ,,,,40 लाख के लगभग बकायादार दो ठेकेदारों को दिलाया आईएएस अधिकारी को गुमराह कर नो डुज,,,चर्चा जोरों पर,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक की देखरेख 2011 के बाद से रिट संख्या 87 उच्च न्यालय नैनीताल ने जिला अधिकारी हरिद्वार को प्रशासक नियुक्त कर व्यवस्था चलाई जा रही है।पूर्व के वार्षिक ठेकेदारों पर लगभग आठ करोड़ रुपया बकाया चला आ रहा है।वर्ष 2019-20 के ठेकेदारों ने दरगाह के वार्षिक ठेको की 30 प्रतिशत रकम कोरोना काल होने की वजह से रोक रखी थी।जिसको आधार बनाकर ठेकेदारों ने जिला प्रशासन व वक्फ बोर्ड सीईओ से पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना काल का समय बढ़ाया जाये।जिसपर जिला प्रशासन ने कोरोना काल का समय 139 दिन ठेकेदारों को 22 फरवरी 2021 तक पूरा करा दिया ,लेकिन 20/11/2020 को हुवे इस आदेश के अनुपालन में दरगाह प्रशासन बकाया धनराशि ठेकेदारों से नही वसूल स्का है।समय लेने के उपरांत बकाया ठेकेदार 30 प्रतिशत बकाया माफ कराने की गरज से हाइकोर्ट पहुंचे थे,जिसपर नैनीताल हाइ कोर्ट ने आदेश दिये कि बक्फ सीईओ कोर्ट में 15 दिन के अंदर प्रतियावेदन प्रस्तुत करे।बकायादार चार ठेकेदारों ने कोरोना काल मे पहाड़ी गेट बंद होने की वजह से 139 दिन पूरे करने के बाद सीईओ वख्फ को प्रतियावेदन देकर 30 प्रतिशत बकाया रकम माफ की मांग की है।अब उत्तराखण्ड बक्फ बोर्ड कार्यालय देहरादून में भृष्ट वख्फ इंस्पेक्टर ने वक्फ सीईओ आईएएस अधिकारी को भृमित कर दो ठेकेदारों को दोहरा लाभ देने के आदेश कराने में सफल हो गया ओर सम्बन्धित दोनों ठेकेदारों को दरगाह कार्यालय से जल्दबाजी में नो डुज भी दिलाने में कामयाब हो गया है।कोरोना काल मे पूरा बाजार बंद होने से यहां के छोटे बड़े सभी ठेकेदारों/व्यापारियों के सभी प्रतिष्ठान बंद रहे।अब सवाल यह उठता है कि आईएएस अधिकारी को धोखा देकर वक्फ निरीक्षक मो0 अली ने सिर्फ दो ठेकेदारों को ही दोहरा लाभ क्यों दिया ? क्या जनहित व दरगाह हित मे आईएएस अधिकारी सीईओ अहमद इक़बाल को भृमित कर दोहरा लाभ ठेकेदारों को दिलाने वाले सम्बन्धित कर्मी की जांचकर कार्यवाही करा पाएंगे।बाकी ठेकेदार भी माननीय हाइकोर्ट में रिट डालकर न्याय की गुहार लगाने की तैयारी में लग गये है।