समय का फेर या पत्रकारिता की दुर्दशा,,,पत्रकारों का अजीब सम्मान,,,।

समय का फेर या पत्रकारिता की दुर्दशा,,,पत्रकारों का अजीब सम्मान,,,।

समय का फेर या पत्रकारिता की दुर्दशा,,,पत्रकारों का अजीब सम्मान,,,।

मान न मान में तेरा मेहमान,,,।
रुड़की
अनवर राणा।
शिक्षा नगरी रुड़की में रुड़की महानगर प्रेस क्लब के दो टुकड़े होने व अलग अलग दूकड़ो के पदाधिकारियों द्वारा निर्वाचित होना दर्शाया जाना भी एक अजीब बात है।जबकि सभ्य शहर की जनता चुनाव में हुई अनियमितता व धांधली के बारे में भलीभांति जानती है।अब अजीब कारनामा यह कि दोनों ही टुकड़ो पर आश्रित नेता भी किसी एक को नाराज करना अच्छा नही मानते ओर स्वागत समारोह के नाम पर प्रचलित पत्रकारों के ठिकानों पर ही सम्मान करने पहुंच जाते है।जबकि ऐसा भी नही है कि इन महानुभाव पर अपना ऑफिस व ठिकाना न हो बल्कि सभी के पास बाकायदा सभागार मौजूद है अगर सम्मान की बात हो तो।नगर निगम के मेयर के पास सरकारी सभागार होने के बावजूद कुछ पत्रकारों को खुश करने के लिये किस वजह से सम्मान करने उनके निजी कार्यालय पर पहुंचना पड़ा यह सवाल बड़ा ही चर्चा का विषय बना है।अब ये कहना गलत नही होगा कि चौथा स्तम्भ कहे जाने वाला पत्रकारिता से जुड़ा पत्रकार की दुर्दशा है या फिर आज के समय का फेर ही कुछ ऐसा है कि मांन न मान में तेरा मेहमान,,।

उत्तराखंड