वक्फ बोर्ड ,दरगाह कार्यालय की खींचतान के बावजूद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की सूझबूझ ने सकुशल सम्पन कराया उर्स,,,।
रुड़की
अनवर राणा
दरगाह साबिर पाक वार्षिक उर्स सम्पन कराने में वक्फ बोर्ड का एक कारिंदा(मो0अली)प्रशासन को पीछे हटाकर पूरी बागडोर एक हफ्ता अपने हाथों में समाहित कर दरगाह के लाखों रुपये अपनी जेब मे भरता था,इस कार्य मे कुछ हिस्सा दरगाह कार्यालय के हाथ भी लगता था।लेकिन इस बार जिला प्रशासन व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की सूझबूझ के सामने किसी भी दलाल की दाल नहीं गली ओर न ही वक्फ हैइंस्पेक्टर मो0 अली (जो फर्जी हज यात्रा करने का आरोपी )अपनी निजी जागीर समझ कर पूर्व की भांति उर्स व्यवस्था में दिखाई दिया ओर न ही दरगाह कार्यालय का कमरा कब्जा कर लूट खसोट के दिशा निर्देश उक्त भृष्ट व्यक्ति द्वारा दिये गये।इस व्यक्ति द्वारा हाँ कोशिश दरगाह कार्यालय में अपने चहेते कर्मियों जो हमेशा वक्फ बोर्ड इंस्पेक्टर के साथ लूट खसोट में शामिल रहे प्रशासन को बदनाम कराने में की गई लेकिन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह की सूझबूझ से सब फेल हुवे क्योंकि ज्वाइंट के आदेश पर प्रशासन के बाबू मो0 अशफाक को कार्यालय में तैनात कर इस गठजोड़ को तोड़ने का सराहनीय कार्य किया गया जिस कारण इनके सभी मनसूबे धराशाई व चकनाचूर हो गये और उर्स 753 सकुशल सम्पन हो गया।जिसकी प्रशंसा जनता में भी हो रही है ओर उर्स मुश्ययरा कमेटी के आयोजक अफजल मंगलोरी व दीगर ने की है।