सुपरवाइजर बने बादशाह अनपढ़ कर्मी बने सुपरवाइजर ,,,,लेखाकार का फरमान

सुपरवाइजर बने बादशाह अनपढ़ कर्मी बने सुपरवाइजर ,,,,लेखाकार का फरमान

सुपरवाइजर बने बादशाह अनपढ़ कर्मी बने सुपरवाइजर ,,,,लेखाकार का फरमान
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
हाइकोर्ट नैनीताल द्वारा 87/2011 जनहित याचिका के फाइनल आदेश द्वारा पिरान कलियर दरगाह की बागडोर जिलाधिकारी के सपुर्द चल रही है।आजकल दरगाह कार्यालय बिना नियम व कायदे के ढर्रे पर चल रहा है।क्योंकि शासन स्तर व जिला अधिकारी कार्यालय से आने वाला शिकायती पत्र व कोई भी आदेश इस कार्यालय में कोई मायने नही रखता बस पैसा कमाने के सिवाय कोई भी काम नियम कायदे से नही चल रहा है,क्योंकि पूर्व में यहां पर प्रबंधकीय व्यवस्था व वित्त के कार्य के लिये जिला अधिकारी द्वारा प्रशासन के किसी बाबू को ही बनाया जाता रहा है,लेकिन लगभग एक साल से यहां पर दोनों ही कार्यो को एक ही रिटायरमेंट प्राइवेट व्यक्ति के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है,जबकि करोड़ो का वित्तीय आय व्यय काम ऐसे व्यक्ति से लिया जाना भी नियम विरुद्ध है ओर यहां पर किसी भी प्रबंधक व लेखाकार की नियुक्ति का अधिकार सी ई ओ वक्फ को न होकर जिला अधिकारी हरिद्वार को ही हाइकोर्ट के आदेश से प्राप्त है। यहां पर आधा दर्जन नियुक्त हुवे व्यवस्था को सुचारू रखने वाले सुपरवाइजर बादशाह बने हुवे दरगाह कार्यालय में विराजमान रोजाना रहते है मगर इनके द्वारा कार्य किये जाने का जिम्मा भी अनपढ़ कर्मियों को प्रबंधक/लेखाकार द्वारा दिया गया है।ठेका निरस्त होने पर नवाब बाजार शौचालय व फोर व्हीलर पार्किंग ठेके पर भी अनपढ़ कर्मियों को बैठाया गया जबकि कुछ तो इन कर्मियों में से अनपढ़ होने की वजह से रशीद भी नही काट सकते ,लेकिन इन्ही कर्मियों से सुपरवाइजर होने के बावजूद रोजाना आठ घण्टे की ड्यूटी के साथ ही पैसा व बौचर कैशबुक तक बनवाने का कार्य नियम विरुद्ध लिया जा रहा है।जबकि सम्बन्धित सुपरवाइजर प्रबंधक बने दरगाह कार्यालय की शोभा बढ़ाकर अधिकारियों की आंखों का तारा बने हुवे है।

उत्तराखंड