चोरी, बेअदबी या फिर बिगड़ी अव्यवस्थाएं, तमाम मुद्दों पर प्रबंधन तंत्र की खामोसी से दिन प्रति दिन बिगड़ रही व्यवस्था,,,

चोरी, बेअदबी या फिर बिगड़ी अव्यवस्थाएं, तमाम मुद्दों पर प्रबंधन तंत्र की खामोसी से दिन प्रति दिन बिगड़ रही व्यवस्था,,,

चोरी, बेअदबी या फिर बिगड़ी अव्यवस्थाएं, तमाम मुद्दों पर प्रबंधन तंत्र की खामोसी से दिन प्रति दिन बिगड़ रही व्यवस्था,,,
पिरान कलियर:
अनवर राणा
ये कैसी आस्था.. आने वाले जायरीनों को आस्था का पाठ पढ़ाने वाले कथित खादिम व तैनात पीआरडी कर्मी उस बड़े दरबार की खुद बेअदबी कर रहे है। जायरीनों से चादर और फूल लेकर दरबार मे चढ़ाने के बजाय फेंकर मारा जा रहा है, ये मंजर देखकर आस्थावान लोगों की रूह कांप रही है और ये बेअदबी लोग अपने आपको सेवादार और कर्मी बताकर स्वंम व्यवस्था बिगाड़ने पर तुले है।
जी हाँ जिस दरबार मे लोग बड़ी आस्था, प्यार, मुहब्बत से अक़ीदत के फूल और चादर पेश करते है उसी दरबार मे खड़े कथित खादिम और सुरक्षा में तैनात पीआरडी कर्मी उन अक़ीदत के फूलों और चादर को मजार शरीफ की तुर्बत पर ऐसे फेंक रहे जैसे स्टोर में बेकार सामान को फेंक दिया जाता है। इसे कथित आस्थावानों का दुस्साहस ही कहा जाएगा कि दरबार-ए-साबरी में खड़े होकर अदब का मकाम भूल जाना और चंद रुपयों के लिए बेअदबी तक पे उतारू हो जाना, लेकिन शायद कथित खादिम और सुरक्षा में तैनात पीआरडी कर्मी ये भूल गए कि ये वो दरबार है जिसे वो नकार दे वो न दुनियां का रहता है और न ही आख़िरत का, तभी उस दरबार मे आपसी बहस, चोरी, छीनाझपटी, और चादरों को तुर्बत पर फेंकने जैसे कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है।
*ख़ामोश दरगाह प्रबंधन तंत्र….*
दरगाह में चोरी हो या बेअदबी या फिर बिगड़ी अव्यवस्थाएं, तमाम मुद्दों पर दरगाह प्रबंधन तंत्र खामोश है। यदि वजह है कि दिन प्रति दिन व्यवस्था और बिगड़ती जा रही है। दरगाह में सुरक्षा के मद्देनजर पीआरडी कर्मियों को लगाया गया है, बावजूद इसके जायरीनों की जेबें कटना, दरबार शरीफ में चोरी होना और फर्जी खादिमों में झगड़ा, मारपीट तक हो जाना, सुरक्षाकर्मियों की कारगुजारी को बयां करता है। बड़ी बात ये है कि इन तमाम मामलों से दरगाह प्रबंधन स्वंम अवगत है लेकिन कार्रवाई के नाम पर शून्य।

उत्तराखंड