दरगाह के उर्स में सज्जादा गद्दीनशीन का बहुत बड़ा महत्व,,,,।
बिना सज्जादा गद्दीनशीन के किसी भी दरगाह की नही होती रसुमात,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
दरगाह साबिर पाक का वार्षिक उर्स चांद की पहली तारीख को मेहदी डोरी की रस्म अदा कर सज्जादा गद्दीनशीन के द्वारा हमेशा से किया जाता रहा है। इस बार भी 27 सितम्बर2022 को उर्स की पहली रस्म सज्जादा साहब शाह मंजर एजाज अली शाह मिया कद्दुशी के द्वारा की गयी है। ओर अन्य सभी उर्स से सम्बंधित रसुमात के अलावा रोजाना या साप्ताहिक खत्म शरीफ आदि दरगाह परिसर की रस्मो को पूर्वजो के समय से ही साबीरी सज्जादा के द्वारा ही सम्पन कराया जाता है। है,जानकार लोगों का कहना है कि सज्जादा नियुक्त किसी भी दरगाह पर करने या न करने का काम वक्फ बोर्ड का नहीं है बल्कि सिलसिले के जिम्मेदार दरगाहों के सज्जादा गद्दीनशीन ही सज्जादा नियुक्त करते है।पिछले उर्स में सज्जादा गद्दीनशीन शाह अली शाह ने लंगर उर्स के दौरान मस्त मंलगो में तकसीम न करने को लेकर गम्भीर आरोप वक्फ बोर्ड पर लगाये थे। अब देखना यह है कि इस बार 2022 उर्स में जायरीनों के लिये क्या क्या नया देखने को मिलेगा।