परम्पराओं व आस्थाओं के विपरीत दरगाह मामूल के वक्त में फेरबदल को लेकर आस्थावान लोगों में उबाल,,,
कलियर।
अनवर राणा।
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक को हमेशा रात ईशा की नमाज के बाद 10 बजे से पूर्व मामूल किया जाता रहा है।देश की अन्य दरगाहों को भी इसी तरह से खिदमत के उपरांत मामूल किया जाता है ।आज जुमेरात के दिन दरगाह प्रबंधक के एक फरमान जो कि दरगाह को आज से रात 11 बजे मामूल करने के आदेश पारित किये गये बताया जा रहा है।उस आदेश को लेकर आस्थावान लोंगो में भारी रोष देखने को मिला जिस सम्बन्ध में सज्जादा गद्दीनशीन अलीशाह मिया कद्दुसी ने एक लिखित प्रार्थना पत्र दरगाह प्रबंधक को देकर इस फरमान को दरगाह की परम्पराओं व आस्था के खिलाफ बताते हुवे उक्त आदेश खारिज कर पूर्व परम्पराओं के मुताबिक दरगाह मामूल करने की मांग की।जिसपर कुछ ठेकेदारों द्वारा एतराज भी जताया गया ओर आस्थावान व ठेकेदार आमने सामने आ गये।परन्तु गद्दीनशीन व आस्थावान परम्पराओं व आस्थाओं का हवाला देकर अपनी बात पर अड़े रहे।अब उच्च अधिकारियों के नये फरमान जारी होने तक क्या व्यवस्था रहेगी यह आने वाला वक्त ही तय करेगा लेकिन दरगाह की परंपरा राजनीति व बाजारीकरण का शिकार होती जरूर नजर आ रहीं है।