पसमांदा मुस्लिम समाज के दो बसपा विधायकों को इग्नोर कर क्या सवर्ण के सहारे इमरान करेंगे  बसपा को मजबूत,,,,

पसमांदा मुस्लिम समाज के दो बसपा विधायकों को इग्नोर कर क्या सवर्ण के सहारे इमरान करेंगे बसपा को मजबूत,,,,

पसमांदा मुस्लिम समाज के दो बसपा विधायकों को इग्नोर कर क्या सवर्ण के सहारे इमरान करेंगे  बसपा को मजबूत,,,,

पसमांदा समाज को नजर अंदाज कर सवर्ण कार्ड खेल  लोकसभा चुनाव में भाजपा को लाभ पहुंचाना ही मकसद तो नहीं  इमरान मसूद का,,,?

रुड़की।

अनवर राणा।

उत्तराखण्ड प्रदेश में तीसरे विकल्प के रूप में उभरी बहुजन समाज पार्टी को दलित ,मुस्लिम ,पसमांदा समाज के पक्के गठजोड़ से ही यहां कामयाबी मिली थी। लेकिन बाहर से आये बसपा पार्टी के प्रदेश प्रभारियों के गलत निर्णयों के कारण उत्तराखण्ड प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का जनाधार लगातार घटता ही रहा ।जिसकी एक वजह यह रही कि जिस पसमांदा समाज की वजह से पार्टी को कामयाबी मिली उसी समाज के जनप्रतिनिधियो को पार्टी प्रभारियों द्वारा नजर अंदाज किया जाता रहा।उसमे चाहे पूर्व में रहे नसिंमुद्दीन सिद्दीकी रहे हों या फिर आज के प्रदेश प्रभारियों की फौज में शामिल सहारनपुर के इमरान मसूद हों क्योंकि जिस समीकरण की बात कह कर अपने सम्बोधन में वो आने वाला लोकसभा 2024 फतह कर 2027 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनाने का दावा करते है उसी पसमांदा समाज के दो मुस्लिम विधायको को नजर अंदाज कर अपनी राजनीति चमकाने का उत्तराखंड में जो काम करना चाहते वो इतना भी आसान नहीं है।हां इतना जरूर है जिस पसमांदा समाज ने बहुजन समाज पार्टी को खड़ा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी उसी पसमांदा समाज ने जनपद हरिद्वार से छह विधायक भी बनाये है।जिसमे आज भी दो विधायक अपनी सीट को बरकरार बचाये हुवे है।लेकिन बहुजन समाज पार्टी  सवर्ण साधने के चक्कर मे पार्टी की रीढ़ कहे जाने वाले पसमांदा  समाज को नजर अंदाज कर सिर्फ भाजपा को फायदा पहुंचा सकती है,जो भाजपा भी चाहती है कि जनपद हरिद्वार से कोई मुस्लिम विधायक नहीं बनकर विधान सभा पहुंच सके।जानकार लोगों का कहना है कि तिलक,तराजू ओर तलवार के नारे के साथ पसमांदा समाज ने बहुजन समाज पार्टी को मजबूत किया अब इमरान पसमांदा समाज को नजर अंदाज कर सवर्ण कार्ड के जरिये भाजपा को लाभ पहुंचाने का प्रयास हरिद्वार में कर रहे है,जिसको पसमांदा समाज बर्दास्त नहीं करेगा।

उत्तराखंड