हल्की एक दिन की बारिश ने खोल दी भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की पोल,दरगाह गेस्ट हाउस में बरसात के पानी की रेलमपेल,,,

40 लाख दान के बजट से दरगाह गेस्ट हाउस की छह महीने पूर्व लेखाकार/पूर्व प्रबंधक सफीक अहमद व निवर्तमान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कराई थी मरम्मत,,,

हल्की एक दिन की बारिश ने खोल दी भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की पोल,दरगाह गेस्ट हाउस में बरसात के पानी की रेलमपेल,,,

रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
पिरान कलियर दरगाह कार्यालय में 2017 से तैनाती पाये पूर्व प्रबंधक/लेखाकार के समय के कार्यो की अगर सरकार या शासन प्रशासन गहनता से जांच करता है तो करोड़ो की वित्तीय अनियमितता के मामले प्रकाश में आ सकते है।ऐसा ही मामला उर्स के दौरान कराये गये उर्स की तैयारियों में जो अनियमितता प्रबंधक/लेखाकार सफीक ने किये जगजाहिर है।वहीं पाकिस्तानी मेहमानों को ठहराने के लिये साबरी गेस्ट हाउस के पुनर्निर्माण/मरम्मत कार्य पर ही पीडब्लूडी के अधिकारियों के साथ मिलकर लाखों के कमीशन के चक्कर में प्रबंधक/लेखाकार के कारनामो की पोल मरम्मत में लगे 40 लाख से अधिक दान के बजट से तैयार हुवे दरगाह के साबरी गेस्ट हाउस में आज एक दिन की बरसात से अंदर कमरों तक पानी बहता हुआ पोल खोलने के लिये काफी है।ऐसे ही अन्य बहुत कार्य इन महोदय द्वारा दरगाह के दान के पैसे की बंदरबांट कर कराये गये है,जिसमे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में बैठा एक संग्रह अमीन अधिकारियों को मैनेज करने की भी चर्चाये होती रही है।जब महोदय ब्लॉक में एकाउंट का कार्य सरकारी तौर पर करते थे तब अवैतनिक ही दरगाह का कार्य भी प्रबंधक/लेखाकार देखते थे।लेकिन सेटिंग इतनी जबरदस्त की अब 60 साल की सरकारी नॉकरी पूरी करने के बावजूद भी लगभग दो साल से दान के पैसे से 30 हजार की तनख्वाह अपने चहेते वक्फ बोर्ड सीईओ से बंधवा कर यहीं कुंडली मारकर वक्फ की आय को बंदरबांट करने में लगा हुआ है।आज के हालात देखकर लगता है कि कुछ हजारों में ही पुताई व सीट ऊपर डालकर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है।जिसका नतीजा है कि एक दिन की हल्की बारिश ने ही 40 लाख से अधिक की मरम्मत की पोल साबरी गेस्ट हाउस के दृश्य से खुल गयी है।अब सवाल यह है कि वक्फ बोर्ड या जिला प्रशासन ऐसे भृष्ट व्यक्ति के भरोसे कब तक दरगाह के करोड़ो रूपये के वार्षिक आय व्यय का जिम्मा उठवाता रहेगा क्या वक्फ बोर्ड व प्रशासन ऐसे भृष्ट व्यक्ति की जांच बैठाकर किसी योग्य व सरकारी रिटायरमेंट व्यक्ति को इस पद पर नहीं बैठा सकता ऐसी भी क्या मजबूरी है कि भृष्ट के हाथों ही लुटाई होती रहेगी।

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