मुख्यमंत्री ने लक्सर क्षेत्र व खानपुर में हवाई निरीक्षण कर बाढ़ पीड़ितों का जाना हाल,फौरी राहत देने के अधिकारियों को दिये निर्देश,,,
कल ही लक्सर विधायक शहजाद ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा व गंगा तटबन्ध तथा क्षेत्र से जल निकासी कराने की मांग की थी,,,
हरिद्वार:
अनवर राणा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को हेलीकॉप्टर से हरिद्वार पहुंचे और पहले आसमान से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। इसके बाद ट्रैक्टर और वोट में बैठकर लक्सर के तटवर्ती गांव का हाल जाना। इससे पहले मुख्यमंत्री ने देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर पूरे प्रदेश में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में साफ पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ बच्चों के लिए दूध भी मुहैया कराया जाए।कल ही लक्सर विधायक हाजी मौ0 शहजाद ने मुख्यमंत्री से मिल क्षेत्र के किसानों को भारी बरसात हुवे नुकसान से सम्बंधित ज्ञापन देकर क्षेत्र किसानों ,मजदूरों को हुवे नुकसान की जानकारी देहरादून पहुंचकर उपलब्ध कराते हुवे बढ़ पीड़ितों को मुआवजा व पशुओँ के चारे से लेकर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की मांग रखी थी।जिसके मध्यनजर आज हरिद्वार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लक्सर क्षेत्र में बाढ़ से कई गांव में भारी नुकसान का जायजा लेकर जिला अधिकारी को निर्देशित किया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रवासियों को हर सम्भव मदद पहुंचाई जाये।भारी बरसात होने से बारिश का पानी जहां घरों में घुस आया वही नदी से आई बाढ़ ने खेतों को तबाह करके रख दिया है। जिससे हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई है। ग्रामीणों के रहने खाने का संकट पैदा हो गया है। लाखों की आबादी को राहत की दरकार है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार पहुंचे और पहले हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। इसके बाद ट्रैक्टर में बैठकर लक्सर खानपुर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव में स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही जिलाधिकारी धीराज सिंह गबर्याल को राहत व बचाव कार्य में कोई कोताही न बरतने के निर्देश। लक्सर के पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने ग्रामीणों के नुकसान से सीएम को अवगत कराया। इस दौरान जिलाधिकारी धीराज सिंह गबर्याल, एसएससी अजय सिंह समेत जिले भर के आला अधिकारी मौजूद रहे।
कंट्रोल रूम में जाना पूरे प्रदेश का हाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो।फूड पैकेट की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। आवश्यकता पड़ने पर हेलीकाप्टर से भी खाद्य सामग्री भेजी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय।सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर लें। बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय। सभी विभागीय सचिव अपने अपने विभागों से संबंधित व्यवस्थाएं देखें और अपने जिला स्तरीय अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहें। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग से भी लगातार संपर्क में रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए पर्याप्त बजट है। संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, विनय शंकर पांडेय, विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।हरिद्वार: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को हेलीकॉप्टर से हरिद्वार पहुंचे और पहले आसमान से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। इसके बाद ट्रैक्टर और वोट में बैठकर लक्सर के तटवर्ती गांव का हाल जाना। इससे पहले मुख्यमंत्री ने देहरादून में आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर पूरे प्रदेश में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में साफ पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ बच्चों के लिए दूध भी मुहैया कराया जाए।
हरिद्वार में लक्सर क्षेत्र में बाढ़ से कई गांव में भारी नुकसान पहुंचाया है। बारिश का पानी जहां घरों में घुस आया वही नदी से आई बाढ़ ने खेतों को तबाह करके रख दिया है। जिससे हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई है। ग्रामीणों के रहने खाने का संकट पैदा हो गया है। लाखों की आबादी को राहत की दरकार है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हरिद्वार पहुंचे और पहले हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। इसके बाद ट्रैक्टर में बैठकर लक्सर खानपुर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव में स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही जिलाधिकारी धीराज सिंह गबर्याल को राहत व बचाव कार्य में कोई कोताही न बरतने के निर्देश। लक्सर के पूर्व विधायक संजय गुप्ता ने ग्रामीणों के नुकसान से सीएम को अवगत कराया। इस दौरान जिलाधिकारी धीराज सिंह गबर्याल, एसएससी अजय सिंह समेत जिले भर के आला अधिकारी मौजूद रहे।O
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कंट्रोल रूम में जाना पूरे प्रदेश का हाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति और आपदा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित कर लिया जाय कि प्रभावितों को रहने खाने एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूर्ण उपलब्धता हो।
फूड पैकेट की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। पेयजल के साथ ही बच्चों को दूध की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। आवश्यकता पड़ने पर हेलीकाप्टर से भी खाद्य सामग्री भेजी जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी की निकासी जल्द की जाए। जल जनित रोगों से बचाव के लिए भी सभी आवश्यक व्यस्थाएं की जाय।
सभी संबंधित विभाग प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन कर लें। बारिश से पेयजल, विद्युत, सड़क एवं अन्य व्यवस्थाएं जो प्रभावित हुए हैं, उन्हें शीघ्र सुचारू किया जाय। सभी विभागीय सचिव अपने अपने विभागों से संबंधित व्यवस्थाएं देखें और अपने जिला स्तरीय अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहें। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के साथ ही उनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग से भी लगातार संपर्क में रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कार्यों के लिए पर्याप्त बजट है। संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, विनय शंकर पांडेय, विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।