उर्स 755 में हर काम को पहली बार बताने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को बताना ये चाहिये कि पहली बार प्रदेश सरकार ने उर्स में क्या योगदान दिया,,,

उर्स 755 में हर काम को पहली बार बताने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को बताना ये चाहिये कि पहली बार प्रदेश सरकार ने उर्स में क्या योगदान दिया,,,

लेट्रिन से सफाई तथा उर्स 755 की तैयारी में दान के पैसे में भ्र्ष्टाचार व कमीशन खोरी में लिप्त कार्यालय वक्फ दरगाह,,,

 

उर्स 755 में हर काम को पहली बार बताने वाले वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को बताना ये चाहिये कि पहली बार प्रदेश सरकार ने उर्स में क्या योगदान दिया,,,

कलियर।

अनवर राणा।

पिरान कलियर दरगाह साबीर पाक के 755 वे उर्स की तैयारियों को लेकर उर्स में जायरीनों की सुविधाओं के लिये इस बार दोनो हाथों से दान के पैसे का दुरुपयोग व बन्दरबांट पहली बार वक्फ बोर्ड सीईओ सिराज उस्मान व वक्फ बोर्ड अध्यक्ष भाजपा नेता शादाब शम्स की देखरेख में किया जाना चर्चाओं में है।क्योंकि इस उर्स से पहले कभी सीईओ व अध्यक्ष दरगाह के कार्यो में उर्स के समय कोई नया कार्य कर दरगाह के पैसे का कोई नुकसान नहीं करते थे। इस बार किसी भी ठेके की कोटेशन नोटिश बोर्ड पर तो लगाई ही नहीं गयी बल्कि किसी समाचार पत्र में भी नहीं दी गयी ओर बहुत से कार्य नियम विरुद्ध कोटेशन से करा कर दरगाह के दान के पैसे की बन्दरबांट की गई है ओर बेचारे वक्फ बोर्ड सीईओ वैसे तो ईमानदारी का चोला पहने हुवे है लेकिन वक्फ बोर्ड चेयरमैन के पीछे पीछे घूमते हां में हां मिलाते उर्स में देखे गये पता नहीं क्या मजबूरी रही होगी कि जायरीनों के आराम को बनाया गया जर्मन हेंगर पार्टी के कार्यक्रम में इस्तेमाल किया ओर फूल मनोरंजन किया गया। इस बार लेट्रिन से लेकर साफ सफाई ,टिन ,आदि से लेकर अवैध अतिक्रमण कहे जाने वाले दुकानदारों की दुकानों से मोटी रकम वसूलने के कार्य मास्टरनी साहिबा ओर साहब ने किया ओर दरगाह की मामूली रकम की रशीद काट दी गयी है।अब बात करते है पाकिस्तानी जायरीनों को गंगा जल ओर भगवत गीता रुद्राक्ष पहली बार भेंट नहीं किये गये बल्कि पिछले उर्स में भी स्थानीय हिन्दू मुस्लिम अस्थावां लोगो के द्वारा पाकिस्तानी जायरीनों को भेंट किया जा चुका है फिर भी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष झूट बोलकर जनता को गुमराह कर अपने भाजपा पार्टी के आकाओं को खुश करने में लगा हुआ है ऐसा ही उर्स की 10 तारीख को भाजपा पार्टी के नेताओ को बुलाकर जर्मन हेंगर में नाच गाना व मनोरंजन का सामान का फीता काटकर उद्घाटन कर अपने भोंपू मीडिया के द्वारा पहली बार उर्स का आगाज करने का राग अलापने का कार्य किया।वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि मानो इससे पूर्व उर्स का आगाज कभी नहीं हुआ हो अब सवाल यह उठता है कि झूठ बोलकर गुमराह करने के बजाय भाजपा सरकार से कुछ उर्स की तैयारियों का बजट या यहां के सौन्दर्यकरण का बजट जारी कराते ओर यहां पर हो रहे लगातार भ्र्ष्टाचार व कमीशनखोरी के धंधों की जांच कराकर दोषियों को सजा करवाते तो सच्चे अक़ीददत मंद कहलाते। परन्तु बोर्ड गठन के बाद पहली मीटिंग में भृष्टाचारियो के खिलाफ सरोसम्मति से हुवे प्रस्ताव को आज तक अमली जामा नहीं पहनाने के पीछे वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की साँठगाँठ को ही बल दे रहा है।ऐसे में हर बात को पहली बार प्रचारित करना जनता के गले उतरने की बजाय वक्फ बोर्ड के भ्र्ष्टाचार में लिप्त होने को ही दर्शाने का काम करता है, क्योंकि

आईएएस द्वारा गठित जांच समिति की जांच में दोषी पाए जाने वाले वक्फ कार्यालय कलियर के भृष्टाचारी लोग आज भी वक्फ बोर्ड सीईओ व अध्यक्ष से सांठगांठ कर कार्यरत है जबकि वक्फ बोर्ड की पहली मीटिंग में ही हाथ उठाकर उनके खिलाफ पत्र लिखकर  जिलाधिकारी /प्रशासक दरगाह को कार्यवाही कराने का प्रस्ताव पास किया गया था जो आज तक धूल फांक रहा है।

उत्तराखंड