चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में छह साल से फरार चल रहा 50 हजार का इनामी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने बिजनौर से किया गिरफ्तार,,,

चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में छह साल से फरार चल रहा 50 हजार का इनामी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने बिजनौर से किया गिरफ्तार,,,

चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में छह साल से फरार चल रहा 50 हजार का इनामी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने बिजनौर से किया गिरफ्तार,,,

हरिद्वार:

चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में छह साल से फरार चल रहा 50 हजार का इनामी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया। उसे साधु भेष में देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। हरिद्वार लाकर कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। सफलता पर एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने टीम की पीठ थपथपाई है। पुलिस अब उसके फरार बेटे की तलाश कर रही है।

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साल 2018 में हुआ था केस

रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की लेबर कालोनी में सितंबर 2018 में हत्याकांड हुआ था। दरअसल, छेड़छाड़ का विरोध करने पर हेमंत ध्यानी व उसकी पत्नी सुषमा ध्यानी के साथ पड़ोसी भगत सिंह, उसके बेटे बलवीर सिंह और ब्रिजेश ने मारपीट की थी। आरोप है कि सूचना देने पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। तब 14 सितंबर को फिर से हेमंत को बुरी तरह पीटा गया। हेमंत ने अपने साले मनीष गुप्ता निवासी गणेश विहार सीतापुर ज्वालापुर को मदद के लिए मौके पर बुलाया। फिर से झगड़ा होने पर भगत सिंह ने अपने बेटों के साथ मिलकर हेमंत के साले मनीष गुप्ता के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला किया। लहुलुहान हालत में हायर सेंटर रैफर करने पर उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने एक बेटे ब्रिजेश को पकड़ लिया था। लेकिन भगत सिंह व उसका दूसरा बेटा फरार होने में कामयाब रहे थे। पुलिस ने फरार चल रहे बाप-बेटे पर 50 हजार रूपये के इनाम की घोषणा की थी। तभी से उत्तराखंड एसटीएफ की टीम उसकी खोजबीन में जुटी थी।

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सुरागरसी पतारसी करने पर एसटीएफ को पता चला कि इनामी पिता वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह पुत्र स्व रामस्वरुप निवासी ग्राम रामजीवाला छकडा थाना मंडावर जिला बिजनौर के गांव के ही शिव मंदिर में साधु बनकर रहता आ रहा है। इंस्पेक्टर अबुल कलाम के नेतृत्व में एसटीएफ की एक टीम ने गांव के शिव मंदिर में दबिश देकर भगत सिंह को गांव से ही दबोच लिया। वह साधु भेष में ही पुलिस को मिला। हरिद्वार लाकर उसे रानीपुर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया। एसटीएफ की टीम में निरीक्षक अबुल कलाम, उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, हैड कांस्टेबल महेंद्र नेगी, कांस्टेबल मोहन असवाल शामिल रहे। कोतवाली प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताय कि आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। बताया कि फरार चल रहे बेटे की तलाश की जा रही है।

——————–हरिद्वार: चर्चित मनीष गुप्ता हत्याकांड में छह साल से फरार चल रहा 50 हजार का इनामी वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने बिजनौर से गिरफ्तार कर लिया। उसे साधु भेष में देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। हरिद्वार लाकर कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। सफलता पर एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने टीम की पीठ थपथपाई है। पुलिस अब उसके फरार बेटे की तलाश कर रही है।
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साल 2018 में हुआ था केस
रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की लेबर कालोनी में सितंबर 2018 में हत्याकांड हुआ था। दरअसल, छेड़छाड़ का विरोध करने पर हेमंत ध्यानी व उसकी पत्नी सुषमा ध्यानी के साथ पड़ोसी भगत सिंह, उसके बेटे बलवीर सिंह और ब्रिजेश ने मारपीट की थी। आरोप है कि सूचना देने पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। तब 14 सितंबर को फिर से हेमंत को बुरी तरह पीटा गया। हेमंत ने अपने साले मनीष गुप्ता निवासी गणेश विहार सीतापुर ज्वालापुर को मदद के लिए मौके पर बुलाया। फिर से झगड़ा होने पर भगत सिंह ने अपने बेटों के साथ मिलकर हेमंत के साले मनीष गुप्ता के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला किया। लहुलुहान हालत में हायर सेंटर रैफर करने पर उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने एक बेटे ब्रिजेश को पकड़ लिया था। लेकिन भगत सिंह व उसका दूसरा बेटा फरार होने में कामयाब रहे थे। पुलिस ने फरार चल रहे बाप-बेटे पर 50 हजार रूपये के इनाम की घोषणा की थी। तभी से उत्तराखंड एसटीएफ की टीम उसकी खोजबीन में जुटी थी।
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सुरागरसी पतारसी करने पर एसटीएफ को पता चला कि इनामी पिता वीर सिंह सैनी उर्फ भगत सिंह पुत्र स्व रामस्वरुप निवासी ग्राम रामजीवाला छकडा थाना मंडावर जिला बिजनौर के गांव के ही शिव मंदिर में साधु बनकर रहता आ रहा है। इंस्पेक्टर अबुल कलाम के नेतृत्व में एसटीएफ की एक टीम ने गांव के शिव मंदिर में दबिश देकर भगत सिंह को गांव से ही दबोच लिया। वह साधु भेष में ही पुलिस को मिला। हरिद्वार लाकर उसे रानीपुर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द कर दिया। एसटीएफ की टीम में निरीक्षक अबुल कलाम, उपनिरीक्षक विद्या दत्त जोशी, हैड कांस्टेबल महेंद्र नेगी, कांस्टेबल मोहन असवाल शामिल रहे। कोतवाली प्रभारी नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताय कि आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। बताया कि फरार चल रहे बेटे की तलाश की जा रही है।
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उत्तराखंड