सरकारी जमीनों को निजी बताकर खुर्द-बुर्द करने और बंदरबांट के खेल पर नहीं लग रही रोक , खासतौर पर सिंचाई विभाग की जमीनें भू माफिया के निशाने पर ,,,

सरकारी जमीनों को निजी बताकर खुर्द-बुर्द करने और बंदरबांट के खेल पर नहीं लग रही रोक , खासतौर पर सिंचाई विभाग की जमीनें भू माफिया के निशाने पर ,,,

सरकारी जमीनों को निजी बताकर खुर्द-बुर्द करने और बंदरबांट के खेल पर नहीं लग रही रोक , खासतौर पर सिंचाई विभाग की जमीनें भू माफिया के निशाने पर ,,,
हरिद्वार:
पुलिस-प्रशासन भू माफिया पर कार्रवाई की लाख दावे करे, लेकिन सरकारी जमीनों को निजी बताकर खुर्द-बुर्द करने और बंदरबांट के खेल पर रोक नहीं लग पा रही है। खासतौर पर सिंचाई विभाग की जमीनें भू माफिया के निशाने पर हैं। हरिद्वार में पिछले कुछ सालों में ही हजारों बीघा जमीन ठिकाने लगाई जा चुकी है। ताजा मामला रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में सामने आया है। यहां कुछ आरोपियों ने मिलकर जमीन बेचने और अदला-बदली का ऐसा खेल खेला कि एक परिवार से न सिर्फ उसकी मेहनत की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपए हड़प लिए गए, बल्कि जमीन के बदले में जो जमीन दी गई वह, सिंचाई विभाग की निकली। इतना ही नहीं, इस जमीन पर सिंचाई विभाग से मुकदमा तक चल रहा है। पीड़ित को जब यह बात पता चली तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। थक हारकर रानीपुर कोतवाली में पति-पत्नी समय तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस में मामले की छानबीन शुरू कर दी है, जल्द ही आरोपियों का पूरा गैंग दबोचने की भी तैयारी की जा रही है।
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गैंग ने ऐसे बुना धोखाधड़ी का जाल
पुलिस के मुताबिक, मुनीबा पत्नी मोहम्मद नसीम निवासी ग्राम दादूपुर गोविंदपुर ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि
जहीर पुत्र निजामुद्दीन, फिरोज आलम पुत्र शमीम अहमद और उसकी पत्नी सबीना परवीन पेशेवर धोखेबाज लोग हैं, इन्होंने वर्ष 2020 में एक समझौता किया। जिसमें सबीना परवीन ने एक प्लॉट का एग्रीमेंट किया था। जिसमें खसरा संख्या 111 रकबा 122 हेक्ट० 11 लाख 59 हजार रुपए में बेचा गया था। पूरी रकम अदा कर दी गई थी। जिसमें फिरोज आलम भी गवाह था। इस प्लॉट के बदले में इसी तारीख को सबीना परवीन के नाम एक रजिस्ट्री ग्राम सुल्तानपुर माजरी परगना ज्वालापुर तहसील हरिद्वार खसरा नंबर 33 कर दी थी। आरोप है कि इन्होंने गुमराह करते हुए अभी तक उस जमीन पर कब्जा नहीं दिलाया न ही अभी तक रजिस्ट्री की है। जबकि मैंने सबीना प्रवीन को जो रजिस्ट्री की है, उसमें जहीर हसन गवाह था। जुलाई माह 2021 में जहीर हसन ने एक रजिस्ट्री खसरा नंबर 91 रकबा 0.819 हैकटेयर मुझे की। जिसमें पूरी रकम जहीर हसन को दे दी थी। लेकिन अब जाकर पता चला है कि उस जमीन पर सिंचाई विभाग से केस चल रहा है।
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रजिस्ट्री ना कब्जा, ना वापस मिली रकम
पीड़िता ने बताया कि जब बार-बार संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए कहा तो बातों में फंसा कर 24 जुलाई 2023 को फिरोज आलम ने मेरे पति मोहम्मद नसीम के साथ एक एग्रीमेंट किया। जिसमें पूर्व में हुए एग्रीमेंट में जो रजिस्ट्री मैंने सबीना प्रवीन को की थी, वह वापस करने की बात तय हुई थी। लेकिन ना तो यह पक्ष रजिस्ट्री व कब्जा कर रहा है और ना ही मेरे पैसे वापस दे रहा है। इन्होंने धोखाधड़ी से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर उनका इस्तेमाल कर लाखों रुपए की ठगी की है। आरोप लगाया कि सभी आरोपी पेशेवर धोखाधड़ी करते हैं और गैंग के रूप में काम करते हुए जाली दस्तावेज तैयार कर लोगों से पैसे हड़प लेते हैं।
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रानीपुर कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर जाहिर फिरोज और सबीना आदि के खिलाफ धोखाधड़ी कूट रचना आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
फाइल फोटो,,,

उत्तराखंड