हत्या को किसी बाहरी शख्स ने नहीं, बल्कि खुद इंस्पेक्टर की पत्नी शिल्पी ने दिया अंजाम,,,

हत्या को किसी बाहरी शख्स ने नहीं, बल्कि खुद इंस्पेक्टर की पत्नी शिल्पी ने दिया अंजाम,,,

हत्या को किसी बाहरी शख्स ने नहीं, बल्कि खुद इंस्पेक्टर की पत्नी शिल्पी ने दिया अंजाम,,,
यमुनानगर:
हरियाणा पुलिस के इंस्पेक्टर निर्मल सिंह की मां राजबाला की हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। पुलिस की शुरुआती जांच में यह मामला लूटपाट लग रहा था, लेकिन अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, इस हत्या को किसी बाहरी शख्स ने नहीं, बल्कि खुद इंस्पेक्टर की पत्नी शिल्पी ने अंजाम दिया था। पारिवारिक विवाद और कलह के चलते यह हत्या की गई थी। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल पंचकूला डिटेक्टिव स्टाफ के प्रभारी निर्मल सिंह के सेक्टर 18 स्थित मकान में पांच दिन पहले उनकी मां राजबाला की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, मकान से 75 लाख रुपये नकद और 23 तोले सोने के जेवर लूटकर बदमाश पीछे के रास्ते से फरार हो गए थे। पुलिस को घटनास्थल से कोई ठोस सबूत नहीं मिला था, लेकिन जांच के दौरान यह सामने आया कि लूटपाट की कहानी झूठी थी।
घटना सुबह 11 बजे की है। जब (इंस्पेक्टर के पिता) बलिंद्र सिंह कोर्ट गए थे और दोपहर 12:30 बजे शिल्पी बाजार गई थीं। राजबाला घर पर अकेली थीं। उनका शव फर्श पर पड़ा मिला और गले में दुपट्टा कसा हुआ था। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले, लेकिन किसी बाहरी व्यक्ति की पुष्टि नहीं हुई। पड़ोसी राहुल ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने राजबाला को बेसुध स्थिति में देखा था। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और पूछताछ में शिल्पी की भूमिका संदिग्ध पाई गई। हिरासत में ली गई शिल्पी ने स्वीकार किया कि घर में रोज-रोज के झगड़ों और तनाव से तंग आकर उसने हत्या की।
पुलिस के अनुसार, घर में लंबे समय से पारिवारिक कलह चल रही थी। शिल्पी और सास के बीच तनाव ने इस वारदात को जन्म दिया। हत्या के बाद लूटपाट की झूठी कहानी रचकर घटना को अलग दिशा देने की कोशिश की गई। पुलिस ने शिल्पी को गिरफ्तार कर लिया है और दावा किया है कि मामले का खुलासा हो गया है। हालांकि, इस मामले को लेकर अब भी अलग-अलग चर्चाएं हो रही हैं, और पुलिस सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। यह घटना पारिवारिक विवाद के घातक परिणामों की ओर इशारा करती है। इस मामले ने रिश्तों में संवाद और समझदारी की कमी के गंभीर प्रभाव को सामने लाया है।

उत्तराखंड