लंबे अरसे के बाद दरगाह साबिर मस्जिद के लिये काबिल पेश इमाम व मोउज्जन रखने की कवायद शुरू,,,
वक्फ दरगाह कार्यालय में 1 मार्च तक मांगे गये आवेदन,,,
कलियर।
अनवर राणा।
विश्व प्रशिद्ध दरगाह साबिर पाक की मस्जिद में जहां मुफ़्ती व मौलवी स्तर का पेश इमाम होना चाहिये वहीं काफी दिनों से इस महत्वपूर्ण कार्य के लिये पद खाली चला आ रहा है ओर इस पद पर अस्थायी रूप से एक व्यक्ति के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। उसी को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड व दरगाह कार्यालय ने काबिलियत के हिसाब से आवेदन करने के लिये जगह भरने की कवायद शुरू की है।
दरगाह साबिर पाक की साबरी जामा मस्जिद में नमाज पढ़ाने के लिए इमाम और अजान देने के लिए मुअज्जन की खोजबीन शुरू की गई है। वक्फ दरगाह पिरान कलियर कार्यालय ने आवेदकों के लिए 30 से 35 वर्ष की उम्र निर्धारित कर एक मार्च-2025 की पहली तारीख तक आवेदन मांगे हैं। पेश इमाम हाफिज अब्दुल वाहिद की उम्र ज्यादा और बीमार होने के बाद पिछले कई वर्ष से जामा मस्जिद में इमामत का पद खाली चल रहा है। उनकी गैर मौजूदगी में उनका बेटा सऊद साबरी इमामत कर रहा है। इसी तरह मुअज्जन अब्दुस्सलाम के जनवरी माह में निधन होने से यह पद भी खाली है। इन पदों को भरने के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष कुमार मिश्रा ने एक विज्ञप्ति जारी की है। उन्होने इसमें इमाम के लिए खानाकाही अकीदे से ताल्लुक रखने वाले हाफिज, कारी, आलिम, फाजिल एवं मुफती की सनद पाने वाले आवेदकों से आवेदन मांगे हैं।इमाम के लिए यूपी एवं उत्तराखंड बोर्ड से 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी होगा।जबकि मुअज्जन के लिए हाफिज व कारी की शैक्षिक योग्यता के साथ आवाज अच्छी होना लाजमी है। आवेदनकर्ता को अपने अभिलेखों की प्रतिलिपियां एक मार्च तक दोपहर 3 बजे तक डाक अथवा व्यक्तिगत माध्यम से दरगाह कार्यालय पिरान कलियर में जमा कराने होंगे। आवेदनकर्ता को जरूरत के मुताबिक हिंदी, इंग्लिश व उर्दू का ज्ञान होना भी जरूरी है।वहीं स्थानीय लोगों और जायरिनों का कहना है कि दरगाह साबिर पाक की साबरी जामा मस्जिद में आलिम और मुफ़्ती रेंक का ईमाम होना जरूरी हैं।
फाइल फोटो,,,,