दरगाह प्रशासन के तुगलकी फैंसले से दरगाह कर्मी लगभग दो लाख का आय को प्रतिदिन  लगा रहे चुना।

दरगाह प्रशासन के तुगलकी फैंसले से दरगाह कर्मी लगभग दो लाख का आय को प्रतिदिन लगा रहे चुना।

*दरगाह प्रशासन के तुगलकी फैंसले से दरगाह कर्मी लगभग दो लाख का आय को प्रतिदिन लगा रहे चुना।*

रुड़की/पिरान कलियर।(अनवर राणा)

दरगाह प्रशासन व कार्यालय कर्मियों के द्वारा भृमित करने पर 31 मार्च से पूर्व समय रहते दरगाह के वार्षिक ठेको की नीलामी न करने की दरगाह प्रबंधतंत्र की गलती भुगत रही है दरगाह साबिर पाक ।ऐसा पहली बार नही दरगाह की आय की बन्दरबांट पहले भी कर चुके ठेको पर काबिज होकर दरगाह कर्मी ,लेकिन अब देखना यह है की ठेकेदारों द्वारा डेली वेजिज पर दी गयी विभिन्न ठेको की रकम के बराबर प्रति ठेके से दरगाह कर्मी खाते में जमा कर पाते है या इमाम साहब की दरगाह की प्रशाद की दुकान कर्मियों द्वारा दो वर्ष चलाते हुवे भी पूर्व में इतनी रकम भी नही जमा की गयी जितनी ठेकेदार ने पांच माह में नीलामी लेकर अपना माल बेचकर की है।दरगाह साबिर पाक क्षेत्र में पांच दुकानों पर ठेकेदारों द्वारा सर्वोत्तम बोली लगाकर प्रशाद आदि बेचने का मौका मिला था।लेकिन जिला प्रशासन व दरगाह प्रशासन द्वारा इस बार के वार्षिक ठेको को समय पूर्व नीलम नही किया।तभी से चार बार नीलामी भी निकाली गई लेकिन बोली पूरी नही आने पर दरगाह प्रशासन ठेको को डेली वेजिज के हिसाब से चलाकर प्रतिदिन दरगाह के खाते में रकम जमा कराता चला आ रहा था ओर ठेकेदार भी समय से रकम जमा करते चले आ रहे थे।लेकिन दरगाह दफ्तर के कुछ भूखे भेड़ियों द्वारा अधिकारियों को गुमराह कर ऐसा निर्णय लिया गया कि ठेकेदार भी चित कर दिए गए ओर दरगाह की सात में से चार दुकानों पर तीन दरगाहों में प्रशाद आदि की बिक्री के लिये दरगाह कर्मियों को 8 सितम्बर की मध्य रात्रि से तैनात कर दरगाह की आय को बन्दर बाँट किया जा रहा है।जिससे जायरीनों को नही तो पूरा सामान मिल रहा है और ना ही दरगाह की आय के हिसाब से प्रतिदिन की रकम दरगाह खाते में दरगाह कर्मियों द्वारा जमा की जा रही है।सवाल यह उठ रहा है कि जब दो आई ए एस अधिकारी दरगाह की बागडोर देख रहे है तो आखिर क्यों दरगाह की आय को भृमित होकर नुकसान की तरफ सोची समझी साजिस से धकेला जा रहा है इसको लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चा हो रही है।

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