वक्फ बोर्ड कार्यालय में तैनात वक्फ निरीक्षक का गड़बड़ झाला,हुई जांच तो कसा जा सकता है गिरफ्तारी का शिकंजा। 2019 में सरकारी कर्मी बनकर नियम व शर्तो का उलंघन कर  हज ख़दीम हुज्जाज बनकर मो0 अली वक्फ निरीक्षक ने सरकार के लाखो रुपये को लगाया चुनना। सी ई ओ वक्फ बोर्ड का पत्र 04 जुलाई 2019 पत्रांक 149 में  तद्वर्त श्रेणी कर्मी बता रहा तो व सी एस नपलच्याल सचिव उत्तराखण्ड शासन आदेश दिनांक 29 जून 2017 का  पत्र संविदा कर्मी बताकर अपने आप में पूरी कहानी की पोल खोलने का प्रमाण है।

वक्फ बोर्ड कार्यालय में तैनात वक्फ निरीक्षक का गड़बड़ झाला,हुई जांच तो कसा जा सकता है गिरफ्तारी का शिकंजा। 2019 में सरकारी कर्मी बनकर नियम व शर्तो का उलंघन कर हज ख़दीम हुज्जाज बनकर मो0 अली वक्फ निरीक्षक ने सरकार के लाखो रुपये को लगाया चुनना। सी ई ओ वक्फ बोर्ड का पत्र 04 जुलाई 2019 पत्रांक 149 में तद्वर्त श्रेणी कर्मी बता रहा तो व सी एस नपलच्याल सचिव उत्तराखण्ड शासन आदेश दिनांक 29 जून 2017 का पत्र संविदा कर्मी बताकर अपने आप में पूरी कहानी की पोल खोलने का प्रमाण है।

वक्फ बोर्ड कार्यालय में तैनात वक्फ निरीक्षक का गड़बड़ झाला,हुई जांच तो कसा जा सकता है गिरफ्तारी का शिकंजा।
2019 में सरकारी कर्मी बनकर नियम व शर्तो का उलंघन कर हज ख़दीम हुज्जाज बनकर मो0 अली वक्फ निरीक्षक ने सरकार के लाखो रुपये को लगाया चुनना।
सी ई ओ वक्फ बोर्ड का पत्र 04 जुलाई 2019 पत्रांक 149 में तद्वर्त श्रेणी कर्मी बता रहा तो व सी एस नपलच्याल सचिव उत्तराखण्ड शासन आदेश दिनांक 29 जून 2017 का पत्र संविदा कर्मी बताकर अपने आप में पूरी कहानी की पोल खोलने का प्रमाण है।
पिरान कलियर।
अनवर राणा
उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड में मर्जी के मुताबिक नियम विरुद्ध काम करने वाले वक्फ निरीक्षक मोहमद अली द्वारा किये गए गड़बड़ झालो की पोल नियम विरुद्ध हज के यात्रियों के साथ सरकारी खर्चे पर ख़दीम उहज्जाज बनकर पहुंचने व एक आदमी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना उपलब्ध कराये जाने पर परत डर परत खुलती जा रही है।क्योंकि वक्फ की पूरी जानकारी नही होने का पूर्व के सी ई ओ बक्फ का इस कर्मचारी ने उठाकर गुमराह कर अपने आप को सरकारी कोटे से नोकरी करने वाले कर्मचारी की जगह हज ख़दीम उहज्जाज के लिये बनी कमेटी से अपना नाम हज यात्रा पर जाने के लिये पात्र करने में कामयाबी पा ली थी जबकि जाने से पहले ही उक्त कर्मी की शिकायत शासन में होने के बावजूद भी हज कमेटी ने इस पर कोई रोक नही लगाई और वक्फ निरीक्षक सरकारी पैसे मक्का मदीना की सैर कर के लॉट आये।लेकिन सूचना करता को जो सूचना सी ई ओ वक्फ बोर्ड कार्यालय से 04 जुलाई 2019 पत्रांक 149 के माध्यम से दी गयी है उसमे इस कर्मचारी को संविदा कर्मी नही बल्कि 2007 से तदरर्थ कर्मी बताया गया है जबकि सी एस नप्लच्याल सचिव उत्तराखण्ड शासन ने हाइ कोर्ट के निर्देशन में दिनांक 29 जून 2017 के पत्र में मो0 अली को संविदा कर्मी मानते हुवे इस शर्त पर पुनः नियुक्त करने के आदेश सी ई ओ वक्फ को दिया था की भविष्य में किसी भी वित्तीय व प्रशासनिक कार्य पर नही रखा जाएगा और सामान्य कार्य/नैतिक कार्यालय कार्य ही लिए जाएंगे तब तक जांच व मुकद्दमा खत्म नही हो जाता।लेकिन उक्त वक्फ निरीक्षक ने पूर्व के सी ई ओ के समय समस्त जिम्मेदारी अधिकारियों को गुमराह कर निभाई जिस वजह से दरगाह साबिर पाक की चल अचल सम्पति सहित दरगाह कार्यालय में भी एक टायपिस्ट की नियुक्ति अवैध धन उगाही कर नियम विरुद्ध व शासन आदेश के विरुदज उपनल से कराई ओर दोनों ने वक्फ की सम्पति,व आय को खूब नुकसान पहुंचने का काम किया जिसकी जांच कराई जा कर इन दोनों ही महाभृष्ट कर्मचारियो से रेकोवरी कर इनके खिलाफ न्याय संगत कार्यवाही उत्तराखण्ड के मुख्यकार्यपालक अधिकारी वक्फ आई ए एस अहमद इकबाल जी द्वारा सर्विस पत्रावली तलब कर गहनता से पेपर की जांच कर शासन आदेश के विरुद्ध कर्मी बने इन दोनों लोगो के खिलाफ तुरन्त कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।

उत्तराखंड