दरगाह में ख़दीम की नियुक्ति के लिये मुख्यसचिव के पत्र की आड़ में दफ्तर कर्मचारियो के द्वारा की जा रही मोटी डील की चर्चा जोरो पर,,,।
पिरान कलियर।
अनवर राणा।
दरगाह दफ्तर यूं तो हर मामले में दलालों व भरस्टाचारियो का अड्डा लगभग तीन साल से बनकर अधिकारियों को गुमराह करता चला आ रहा है।जहां दरगाह की आय को ठिकाने लगाने के मंसूबो से लेकर उर्स की तैयारियों में होने वाले कार्यो को समय से न कराकर दिन चार दिन में ही लाखो के कामो को अन्जाम देने में भी अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है ,वही अब दरगाह दफ्तर के कुछ सुपरवाइजरों ने मिलकर एक व्यक्ति से प्रदेश के मुख्यसचिव को एक पत्र भिजवाकर दरगाह ख़दीम बनाने की चाह में फंसाकर लाखो का खेल खेलने का मंसूबा बनाया बताया जा रहा है।सूत्रों का कहना है कि उत्तराखण्ड मुख्यसचिव को नियुक्ति सम्बन्धी प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही के लिये पत्र दरगाह कार्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।क्योंकि इस तरह का प्रयास पूर्व वक्फ सी ई ओ अलीम अंसारी के समय में भी किया गया था और एक व्यक्ति से तीन लाख रुपये लेकर दरगाह सुपरवाइजर से लेकर प्रबंधक ने नियुक्ति की संस्तुति कर अधिकारियों को भी गुमराह कर संस्तुति कराने में कामयाबी हासिल की थी।लेकिन मामले के उजागर होने ओर जांच की मांग अक़ीदद मन्द लोगो करने से उक्त अवैध धन उगाही कर की गयी नियुक्ति को तुरन्त सी ई ओ वक्फ बोर्ड को निरस्त करने पर मजबूर होना पड़ा था।लेकिन मुंह की लगी छूटने का नाम नही ले रही है।क्योंकि दरगाह दफ्तर के करिन्दों ने नई नियुक्ति को मुख्यसचिव के पत्र का हवाला देकर एक बार फिर फाइल तैयार करने ओर अधिकारियों को गुमराह कर अवैध पैसा कमाने का मौका मिल गया है जिसकी चर्चा क्षेत्र में जोरो पर सुनाई दे रही है।अब देखना यह है की दरगाह दफ्तर के करिन्दों के बने इस अवैध कमाई के जाल को तत्कालीन अधिकारी तोड़ पाएंगे या नही या फिर गुमराह कर ये लोग अधिकारियों के नाम पर इस तरह ही अवैध धन उगाही के धंधे को जारी रखेंगे यह तो समय ही बतायेगा।