सचिव अल्पसंख्यक आयोग ने जानबूझकर उर्स 2019 में अस्थायी दुकानों के किराया वसूली में दरगाह की आय को पहुंचायी हानि के मददेनजर दरगाह प्रबंधक परवेज आलम की जांचकर कार्यवाही के आदेश जिला अधिकारी हरिद्वार को दीये,कार्यवाही की आख्या पन्द्रह दिन में की तलब,,,।
रुड़की।
अनवर राणा।
दरगाह साबिर पाक पिरान कलियर के वार्षिक उर्स 2019 के दौरान दरगाह कार्यालय स्टाफ के द्वारा कुछ लोगो से सांठगांठ कर हर वर्ष उर्स में लगने वाली अस्थायी दुकानों के किराया वसूली में अवैध धन उगाही के चलते जानबूझकर दरगाह की आय को भारी हानि पहुंचाने के काम को अंजाम दिया गया।यही नही दरगाह कार्यालय भ्र्ष्टाचार व नियम विरुद्ध नियुक्ति व अन्य कार्य करने का अड्डा बनकर रह गया है।इन दिनों दरगाह कार्यालय में शासन से आयी पत्रावली से लेकर उच्चाधिकारियों द्वारा किये गए आदेशो को भी अपनी स्वेच्छाचारिता व अवैध धन उगाही के चलते कार्यालय से जानबूझकर गुम किया जा रहा है।जिसमे शासन से आये नियुक्ति सम्बन्धी पत्र के एक मामले में तो स्वयम चोर ने ही गुमशुद्गी थाना कलियर में दर्ज कराकर मामले को दबाने का प्रयास किया है,जबकि उक्त पत्रावली को कम्प्यूटर ऑपरेटर ने स्वयम 13/08/019को कार्यालय डिस्पेच से रिसिवड किया हुआ बताया गया है।लेकिन राजनीतिक प्रभाव के चलते गुमशुदगी में अभी तक कोई जांच आगे बढ़ने नही दी जा रही है।उर्स 2019 के दौरान प्रबंधक परवेज आलम ने जिन लोगो से सांठगांठ की थी कुछ जगह के तो उ नहाने दरगाह के कब्जे वाली जमीन से बाजार लगवाकर लगभग 7 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया है,वही दरगाह प्रबंधक ने बचे अस्थाई बाजारों से भी पांच से सात हजार रूपरे प्रतिदुकान वसूल की ओर कुछ लोगो को एक या दो हजार की रशीद मुहैया कराकर बाकी की रकम को डकार गये है।जिस कर्म दुकानों के किराए की बात करे तो 7 लाख व सर्कस झूला न लगने देने 46 लाख का नुकसान दरगाह की आय को प्रबंधक द्वारा जानबूझकर बिना उच्च अधिकारियों के आदेश के ही दिया गया है।पूरे प्रकरण को लेकर सत्तार निवासी मुक़र्बपुर ने अल्पसंख्यक विभाग को जांचकर कार्यवाही की मांग की गयी थी।जिसपर सचिव अल्पसंख्यक विभाग ने जिला अधिकारी हरिद्वार से जांचकर 15 दिन के अंदर कार्यवाही कर आख्या तलब की है।अब देखना यह है कि दरगाह कार्यालय में नियम विरुद्ध कार्यो को अंजाम देने व भ्र्ष्टाचार का अड्डा बन चुके कार्यालय प्रबंधक सहित दोषियों के विरुद्ध उच्च अधिकारी कार्यवाही कर पाते है या पूर्व की भांति ही राजनीतिक दबाव के कारण अवैध धन उगाही करने वाले बच निकलते ओर दरगाह की आय को हानि पहुंचाते रहेंगे।